देहरादून/चमोली, 10 जून 2025(एजेंसीयाँ)एडवेंचर के शौकीनों के लिए एक बड़ी खबर है! देश के दूसरे सबसे ऊंचे पर्वत, नंदा देवी को 42 साल के लंबे अंतराल के बाद पर्वतारोहण और ईको-टूरिज्म गतिविधियों के लिए फिर से खोलने पर विचार किया जा रहा है। उत्तराखंड सरकार इस दिशा में सक्रिय रूप से काम कर रही है, जिससे राज्य में साहसिक पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
क्या है नई योजना?
चमोली जिले में स्थित 7,817 मीटर ऊंचे नंदा देवी पर्वत पर 1983 में धार्मिक महत्व और नाजुक पारिस्थितिकीय तंत्र को देखते हुए पर्वतारोहण और साहसिक पर्यटन गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। यह पर्वत श्रीनंदा राजजात से भी जुड़ा है। हालांकि, अब सरकार राज्य में ईको-टूरिज्म को बढ़ावा देने की अपनी रणनीति के तहत इस पर्वत पर फिर से ध्यान दे रही है।
अध्ययन के निर्देश जारी
वन विभाग के अंतर्गत कार्यरत ईको टूरिज्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन को पिछले 10 सालों की स्थिति का विस्तृत अध्ययन करने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने हाल ही में एक समीक्षा बैठक में इस संबंध में निर्देश दिए थे। इस अध्ययन में यह भी देखा जाएगा कि नंदा देवी पर्वत पर कितनी ऊंचाई तक पर्वतारोहण, ट्रेकिंग और अन्य ईको-टूरिज्म गतिविधियां सुरक्षित रूप से संचालित की जा सकती हैं।
अगला कदम
कॉरपोरेशन से अध्ययन रिपोर्ट मिलने के बाद, इसका गहन परीक्षण किया जाएगा। उसके बाद, नंदा देवी पर्वत को पर्वतारोहण और ईको-टूरिज्म गतिविधियों के लिए खुलवाने के संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय को एक प्रस्ताव भेजा जाएगा। वन सचिव सी. रविशंकर ने बताया कि रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
गौरीगंगा और ऋषिगंगा घाटियों के बीच स्थित नंदा देवी का भूगोल बेहद जटिल है, यही वजह है कि अतीत में यहां कुछ ही पर्वतारोहण अभियान हुए हैं। लेकिन अगर यह पहल सफल होती है, तो यह साहसिक पर्यटन के मानचित्र पर उत्तराखंड के लिए एक नया अध्याय खोलेगा।