वाशिंगटन, 15 जून।अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को कड़ी चेतावनी दी है। ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव के बीच रविवार को ट्रंप ने स्पष्ट कर दिया है कि अमेरिका का हालिया हमलों में कोई हाथ नहीं है। इसके साथ ही ट्रंप ने चेतावनी दी कि अमेरिकी हितों के खिलाफ किसी भी उकसावे का करारा जवाब दिया जाएगा।
ईरान पर हुए हमले से अमेरिका का कोई लेना-देना नहीं है
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ पर ट्रंप ने लिखा, “ईरान पर हुए हमले से अमेरिका का कोई लेना-देना नहीं है। अगर ईरान का हम पर किसी भी तरह से हमला किया जाता है, तो अमेरिकी सशस्त्र बल पूरी ताकत से आप पर हमला करेंगे। हालांकि, हम आसानी से ईरान और इजरायल के बीच समझौता करवा सकते हैं और इस खूनी संघर्ष को समाप्त कर सकते हैं।”
ईरान और इजरायल के बीच आपसी हमलों की एक सीरीज के बाद मिडल ईस्ट में तनाव बढ़ गया है
ईरान और इजरायल के बीच आपसी हमलों की एक सीरीज के बाद मिडल ईस्ट में तनाव बढ़ गया है। रविवार को, इजरायली सेना ने ईरानी सैन्य ठिकानों पर बड़ा हमला करने की पुष्टि की है, जिसमें ईरानी रक्षा मंत्रालय का मुख्यालय और एसपीएनडी, एक प्रमुख न्यूक्लियर रिसर्च फैसिलिटी शामिल है। इजरायल डिफेंस फोर्स (आईडीएफ) के अनुसार, इस ऑपरेशन में उस जगह को भी निशाना बनाया गया, जहां ईरान ने कथित तौर पर अपने न्यूक्लियर परिसंपत्तियों को छिपाया था।
यरुशलम और तेल अवीव सहित प्रमुख इजरायली शहरों में हवाई हमले के सायरन बजने की सूचना मिली है
ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने इजरायल के एनर्जी इन्फ्रास्ट्रक्चर और जेट फ्यूल प्रोडक्शन फैसिलिटी पर जवाबी हमले की जिम्मेदारी ली है। यरुशलम और तेल अवीव सहित प्रमुख इजरायली शहरों में हवाई हमले के सायरन बजने की सूचना मिली है। सायरन की यह आवाजें ईरानी हमलों की गंभीरता को बयां करती हैं।
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का कहना है कि ‘इजरायल के अस्तित्व के लिए ईरानी खतरे को कम करना’ जरूरी था
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस ऑपरेशन का बचाव किया है। प्रधानमंत्री का कहना है कि ‘इजरायल के अस्तित्व के लिए ईरानी खतरे को कम करना’ जरूरी था। बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा, “यह ऑपरेशन तब तक जारी रहेगा, जितने दिन इस खतरे को दूर करने में लगेंगे।”
ईरान को अपनी परमाणु महत्वाकांक्षाओं को लेकर अमेरिका के साथ कूटनीतिक बातचीत करनी चाहिए: ट्रंप
बढ़ती अशांति के बीच, ट्रंप ने अपने पुराने रुख को दोहराया है। उनका कहना है कि ईरान को अपनी परमाणु महत्वाकांक्षाओं को लेकर अमेरिका के साथ कूटनीतिक बातचीत करनी चाहिए। ट्रंप ने चेतावनी देते हुए कहा- “ईरान को समझौता करना चाहिए, इससे पहले कि कुछ भी न बचे।”