विकासनगर(आरएनएस)। हिमाचल प्रदेश के रोहडू क्षेत्र के अढाल गांव से नवनिर्मित बौठा महासू चालदा देवता की पालकी शाही स्नान के लिए रविवार को महासू धाम हनोल पहुंची। बौठा महासू चालदा देवता अढाल की छह दिवसीय यात्रा पर हैं। शनिवार को देवता अपने दूसरे पड़ाव पर उत्तराखंड के बाशिक महासू देवता और देवलाडी माता मंदिर मैंद्रथ पहुंचे थे। रविवार को देव पालकी के हनोल पहुंचने पर मंदिर समिति और देव कारिंदों ने भव्य स्वागत किया। पांच सौ से अधिक श्रद्धालुओं के जत्थे के साथ चल रही देव पालकी का सनैल, आराकोट, पंद्राणू, कठंग, मझोग, त्यूणी में भव्य स्वागत किया गया। रात्रि विश्राम के बाद सोमवार को देव पालकी का शाही स्नान कराया जाएगा। हिमाचल प्रदेश अढाल से आए बौठा महासू चालदा की पालकी ओर रायगी से हिमाचल प्रदेश जुब्बल के बदियार गांव में शेडकूडिया देवता के नवनिर्मित मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की जा रही है। दोनों देव पालकियों का जेपीआरआर राष्ट्रीय राजमार्ग पर गैराणू के पास दिव्य मिलन हुआ। देव पालकी के अदभुत मिलन के वक्त टौंस नदी के दोनो छोर जयकारों से गूंज उठे। शेडकूडिया देवता रायगी मंदिर से शनिवार दोपहर साढ़े ग्यारह बजे बाहर आए। यहां देव पालकी श्रद्धालुओं के साथ हिमाचल प्रदेश के जुब्बल तहसील के बदियार गांव के नवनिर्मित मन्दिर की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने के लिए रवाना हुए। रायगी के शेडकूडिया देवता की हिमाचल प्रदेश के जुब्बल क्षेत्र में बड़ी मान्यता है। गैराणू के पास टौंस के दोनों छोर से प्रवास पर निकली देव पालकियों के दिव्य मिलन हुआ। जिसके बाद बौठा महासू की देव पालकी हनोल के लिए और शेडकुड़िया देवता की पालकी बदियार के लिए रवाना हुई। हनोल में मंदिर के पुजारी गोविंदराम नौटियाल, सुरेंद्र नौटियाल, सचिव मोहनलाल सेमवाल, प्रबंधक नरेंद्र नौटियाल, रविंद्र कायथ, दिनेश, प्रेम सिंह, भगत सिंह समेत देव कारिंदों ने भव्य स्वागत किया।