आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में बहुत से लोग देर रात तक जागते हैं -चाहे मोबाइल चलाने के लिए हो, काम का बोझ हो या नींद न आने की आदत। लेकिन क्या आप जानते हैं कि नींद पूरी न करना न सिर्फ थकावट लाता है, बल्कि दिमाग और शरीर दोनों को गंभीर नुकसान पहुंचाता है, खासकर याद्दाश्त (memory) पर असर डालता है। चलिए जानते हैं नींद की कमी इंसान के लिए कितनी खतरनाक है।
क्या कहती है रिसर्च?
हालिया अध्ययनों में पाया गया है कि जो लोग लगातार देर रात तक जागते हैं और 6 घंटे से कम सोते हैं, उनमें भूलने की बीमारी (Memory Loss) का खतरा बढ़ जाता है। नींद के दौरान हमारा दिमाग दिनभर की चीज़ों को याददाश्त में सुरक्षित करता है, और जब नींद पूरी नहीं होती, तो ये प्रक्रिया बाधित होती है। ऐसे में चीजें भूलने की आदत बढ़ती है (जैसे चाबी, मोबाइल, नाम भूल जाना)।

नींद पूरी न होने से शरीर को होते हैं ये नुकसान
दिल और हाई ब्लड प्रेशर की समस्या: देर रात तक जागने से हार्ट पर दबाव बढ़ता है, इससे हाई BP और हृदय रोग का खतरा रहता है।
वजन बढ़ना और मेटाबोलिज्म बिगड़ना: नींद पूरी न होने पर भूख के हार्मोन गड़बड़ाते हैं, जिससे ओवरईटिंग और मोटापा होता है
इम्यून सिस्टम कमजोर होता है: नींद पूरी न होने पर इंसान बार-बार बीमार पड़ता है।
मूड स्विंग और मानसिक तनाव: इससे चिड़चिड़ापन, डिप्रेशन और एंग्जायटी जैसी मानसिक समस्याएं भी बढ़ती हैं।
आंखों और त्वचा पर असर: अच्छी नींद न लेने पर डार्क सर्कल, थकी हुई त्वचा और आंखों में जलन की समस्या रहती है।
सही नींद कब और कितनी लें?
वयस्कों के लिए हर दिन 7–8 घंटे की गहरी नींद जरूरी है। रात में10 बजे से पहले सोना और सुबह जल्दी उठना आदर्श माना जाता है। हर दिन एक जैसा सोने और जागने का समय रखें। देर रात तक जागना एक फैशन बन गया है, लेकिन इसका असर आपकी मेमोरी, मानसिक संतुलन और शरीर की कार्यक्षमता पर पड़ता है। अगर आप सचमुच फिट और एक्टिव रहना चाहते हैं, तो समय पर सोना और पर्याप्त नींद लेना बेहद जरूरी है।