नईदिल्ली, 12 जून। भारतीय क्रिकेट टीम और इंग्लैंड क्रिकेट टीम के बीच टेस्ट क्रिकेट की प्रतिस्पर्धा हमेशा रोमांचक रही है, जिसमें कई ऐतिहासिक साझेदारियां दर्ज की गई हैं।
अब एक बार फिर दोनों टीमें आमने-सामने होंगी, जब 20 जून से 5 मैचों की टेस्ट सीरीज की शुरुआत होगी।
ऐसे में आइए नजर डालते हैं उन सबसे बड़ी साझेदारियों पर, जिन्हें भारतीय बल्लेबाजों ने इंग्लैंड के खिलाफ रचा है।
वो क्षण जब 2 खिलाड़ियों की एकजुटता ने पूरी मैच की दिशा बदल दी थी।
पहले स्थान पर गुंडप्पा विश्वनाथ और यशपाल शर्मा की यादगार जोड़ी है।
साल 1982 में चेन्नई टेस्ट के दौरान दोनों ने पहली पारी में तीसरे विकेट के लिए 316 रन की ऐतिहासिक साझेदारी निभाई थी।
विश्वनाथ ने 222 रन बनाए, जबकि यशपाल ने 140 रनों की शानदार पारी खेली थी।
भारत ने 481/4 के स्कोर पर पारी घोषित कर दी थी।
यह मुकाबला ड्रॉ पर समाप्त हुआ था। यशपाल और विश्वनाथ की यह साझेदारी आज भी याद की जाती है।
सूची में दूसरे स्थान पर गौतम गंभीर और राहुल द्रविड़ की जोड़ी है।
साल 2008 में इंग्लैंड की टीम भारत के दौरे पर आई थी। सीरीज का दूसरा टेस्ट मैच मोहाली में खेला गया था।
भारत ने पहली पारी में 453 रन बनाए थे।
गंभीर के बल्ले से 179 रन और द्रविड़ के बल्ले से 136 रन निकले थे। दोनों के बीच दूसरे विकेट के लिए 314 रनों की साझेदारी हुई थी।
यह मुकाबला भी ड्रॉ पर समाप्त हुआ था।
तीसरे स्थान पर सौरव गांगुली और सचिन तेंदुलकर की महान जोड़ी है।
दोनों ने साल 1996 में नॉटिंघम टेस्ट के दौरान 255 रनों की साझेदारी निभाई थी।
ये इंग्लैंड की धरती पर भारतीय बल्लेबाजों के द्वारा की गई सबसे बड़ी साझेदारी भी है।
भारतीय टीम उस टेस्ट में पहले बल्लेबाजी करने उतरी थी। गांगुली (136) और तेंदुलकर (177) की पारियों के दम पर टीम ने 521 रन बना दिए थे।
यह मुकाबला ड्रॉ पर समाप्त हुआ था।
चौथे स्थान पर भी गांगुली और सचिन की जोड़ी है। दोनों ने साल 2002 में लीड्स टेस्ट के दौरान पहली पारी में चौथे विकेट के लिए 249 रन जोड़े थे।
भारतीय टीम पहले बल्लेबाजी करने उतरी थी।
गांगुली (128) और तेंदुलकर (193) की शानदार पारियों के दम पर टीम ने 628/8 का विशाल स्कोर खड़ा कर दिया था।
मुकाबले को भारतीय टीम ने पारी और 46 रनों से जीता था। इंग्लैंड को वापसी का कोई मौका ही नहीं मिला था।