हरिद्वार, उत्तराखंड: अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के पावन अवसर पर उत्तराखंड में निवेश, आयुष, पर्यटन और संस्कृति के विषयों पर एक महत्वपूर्ण रणनीतिक बैठक हरिद्वार में आयोजित की गई। इस बैठक में मेक्सिको, फिजी, नेपाल, सूरीनाम, मंगोलिया, लातविया, श्रीलंका और रूस सहित विभिन्न देशों के राजदूत, उच्चायुक्त और प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। उत्तराखंड सरकार की ओर से राज्य आपदा प्रबंधन उपाध्यक्ष विनय रुहेला, सचिव गण सचिन कुर्वे, धीराज गबर्याल, जुगल किशोर पंत, अपर सचिव अभिषेक रोहिल्ला, विजय कुमार जोगदंडे, और उद्योग, आयुष, पर्यटन व संस्कृति विभागों के अधिकारियों ने शिरकत की।
पर्यटन में उत्तराखंड की असीमित क्षमताएं
बैठक में सचिव सचिन कुर्वे ने उत्तराखंड में पर्यटन की अपार संभावनाओं और राज्य सरकार द्वारा किए गए महत्वपूर्ण कार्यों पर एक विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने बताया कि राज्य में तीन परिचालन हवाई अड्डे (देहरादून, पंतनगर और पिथौरागढ़) और आठ हेलीपोर्ट हैं, जो दूरदराज के क्षेत्रों तक महत्वपूर्ण संपर्क सुनिश्चित करते हैं और पर्यटन व आपातकालीन पहुंच को बढ़ावा देते हैं। सड़क नेटवर्क के संदर्भ में, राज्य में 46,000 किलोमीटर से अधिक का सड़क नेटवर्क है, जो सभी मौसमों में कनेक्टिविटी प्रदान करता है और दूरदराज के, तीर्थ और सीमावर्ती क्षेत्रों को साल भर जोड़ता है।
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए रोपवे को वैकल्पिक परिवहन साधन के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिनमें मसूरी, यमुनोत्री और पूर्णागिरी में रोपवे परियोजनाएं शामिल हैं। बुनियादी ढांचे के विकास और पुनर्विकास पहलों के तहत, टिहरी झील को जल और हवाई खेलों के केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है, जबकि जॉर्ज एवरेस्ट एस्टेट को बेहतर पहुंच और आगंतुक सुविधाओं के साथ पुनर्विकसित किया गया है। अपशिष्ट प्रबंधन के तहत केदारनाथ और बद्रीनाथ को प्लास्टिक-विनियमित क्षेत्र बनाया गया है। बेहतर शौचालय पहल के तहत बायो डाइजेस्टर शौचालय विकसित और संचालित किए जा रहे हैं। कौशल विकास में पिछले तीन वर्षों में आतिथ्य क्षेत्र में 5,500 से अधिक व्यक्तियों को प्रशिक्षित किया गया है।

एडवेंचर टूरिज्म के क्षेत्र में, उत्तराखंड स्कीइंग, बंजी जंपिंग सहित कई साहसिक गतिविधियों के साथ रोमांच चाहने वालों के लिए स्वर्ग है। केदारकांठा, फूलों की घाटी और हरकीदून जैसे ट्रैकिंग ट्रेल्स आकर्षण के केंद्र हैं। पैराग्लाइडिंग के लिए नौकुछियाताल, दयारा बुग्याल और धनोल्टी विशेष स्थान बना रहे हैं। व्हाइट वॉटर राफ्टिंग ऋषिकेश, टोंस, काली, अलकनंदा और धौलीगंगा नदियों में लोकप्रिय है, जबकि मछली पकड़ने के लिए कोसी, सुपिन और टोंस नदियों में गोल्डन महशीर और ट्राउट प्रजातियां मौजूद हैं। राज्य में 45% से अधिक वन क्षेत्र के साथ छह राष्ट्रीय उद्यान और सात वन्यजीव अभयारण्य हैं, जो सफारी के शानदार अवसर प्रदान करते हैं। खगोल पर्यटन में ‘नक्षत्र सभा’ की पहल से ‘काले आसमान’ को बढ़ावा मिलेगा, और जायरोकॉप्टर सवारी के माध्यम से हवाई यात्रा एक अद्वितीय साहसिक अनुभव प्रदान करती है।
आयुष: स्वास्थ्य और कल्याण का स्वर्ग
अपर सचिव विजय कुमार जोगदंडे ने उत्तराखंड में आयुष की संभावनाओं और राज्य सरकार द्वारा किए गए बेहतरीन कार्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड अपने मनोरम स्थलों, अनुकूल हिमालयी जलवायु और आध्यात्मिक जीवंतता के कारण आयुष भूमि के रूप में जाना जाता है। प्रकृति के उपहारों के अलावा, राज्य की सुदृढ़ कानून-व्यवस्था, पारदर्शी नीतियां और कुशल जनशक्ति की प्रचुरता ने इसे आयुष और वेलनेस व्यवसाय के लिए एक अग्रणी गंतव्य के रूप में स्थापित किया है। उत्तराखंड भारत के सबसे तेजी से बढ़ते राज्यों में से एक है और स्वास्थ्य चाहने वालों के साथ-साथ निवेशकों के लिए भी “स्वास्थ्य का स्वर्ग” है।
निवेश अनुकूल औद्योगिक नीतियां
निदेशक उद्योग जी.एम. चंदोला ने भी विदेशी डेलिगेट्स के समक्ष प्रस्तुतीकरण दिया, जिसमें उन्होंने राज्य की निवेश अनुकूल उद्योग नीतियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा उद्योगों के विकास और निवेश को आकर्षित करने के लिए बनाई गई विस्तृत नीतियों की जानकारी विदेशी प्रतिनिधियों को दी।
इस महत्वपूर्ण बैठक में भारत में मेक्सिको के राजदूत फेडेरिको सालास, मेक्सिको दूतावास में आर्थिक मामलों के प्रमुख रिकार्डो डेनियल डेलगाडो, भारत में फिजी उच्चायोग के हाई कमिश्नर जगन्नाथ सामी, भारत में नेपाल के राजदूत डॉ. शंकर प्रसाद शर्मा, भारत में सूरीनाम के राजदूत अरुणकोमर हार्डियन, भारत में मंगोलिया के राजदूत डंबाजाविन गैंबोल्ड, भारत में लातविया दूतावास में डिप्टी हेड ऑफ मिशन मार्क्स डीतॉन्स, भारत के श्रीलंका उच्चायोग के मिनिस्टर काउंसलर लक्ष्मेंद्र गेशन डिसनायके, रूसी दूतावास में प्रथम सचिव क्रिस्टिना अनानीना और तृतीय सचिव कैटरीना लज़ारेवा मौजूद थीं।

यह बैठक उत्तराखंड को वैश्विक मंच पर आयुष, पर्यटन और निवेश के एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय सहयोग और साझेदारी को बढ़ावा मिलेगा।