लंदन (लार्ड्स) । लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर खेले गए वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) फाइनल में दक्षिण अफ्रीका ने मौजूदा चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को 5 विकेट से हराकर पहली बार यह खिताब अपने नाम किया। टेम्बा बावुमा की अगुवाई वाली प्रोटियाज टीम ने 27 साल के लंबे इंतजार को खत्म करते हुए ‘चोकर्स’ के लांछन को भी मिटा दिया।
एडेन मार्करम की शतकीय पारी बनी जीत की नींव
पहली पारी में 74 रन से पिछड़ने के बाद दक्षिण अफ्रीका को चौथी पारी में 282 रन का मुश्किल लक्ष्य मिला था। एडेन मार्करम की 136 रन की शानदार शतकीय पारी और कप्तान टेम्बा बावुमा के 66 रन के अर्धशतक ने टीम को जीत की राह पर बनाए रखा। तीसरे दिन दोनों ने तीसरे विकेट के लिए 143 रन की अटूट साझेदारी की थी। चौथे दिन 69 रन की जरूरत थी, जब बावुमा आउट हुए। इसके बाद मार्करम ने ट्रिस्टन स्टब्स और डेविड बेंडिंघम के साथ मिलकर पारी को संभाला। जीत से 6 रन पहले मार्करम जोश हेजलवुड की गेंद पर आउट हुए, लेकिन बेंडिंघम (21) और वीरेन (4) ने हेजलवुड की गेंद पर विजयी रन लेकर इतिहास रच दिया।
27 साल का सूखा खत्म, पहली बार विश्व विजेता
दक्षिण अफ्रीका का यह 1998 के बाद पहला ICC खिताब है, जब उन्होंने चैंपियंस ट्रॉफी जीती थी। इसके बाद कई बड़े मौकों पर हार के कारण उन्हें ‘चोकर्स’ कहा जाने लगा। पिछले साल T20 विश्व कप फाइनल में भारत से 7 रन की हार के बाद भी निराशा मिली थी, लेकिन टेस्ट क्रिकेट के सबसे पुराने प्रारूप में यह जीत उनके लिए सपना पूरा होने जैसी है।
बावुमा बने अजेय कप्तान
टेम्बा बावुमा ने WTC के तीसरे चक्र में 10 टेस्ट मैचों में कप्तानी की और फाइनल सहित 9 में जीत हासिल की, जबकि एक मैच ड्रॉ रहा। वह दुनिया के पहले ऐसे कप्तान बने, जिन्होंने अजेय रहते हुए अपनी टीम को WTC चैंपियन बनाया।
मार्करम का ऐतिहासिक योगदान
2014 में अंडर-19 विश्व कप में दक्षिण अफ्रीका को चैंपियन बनाने वाले एडेन मार्करम ने एक बार फिर अपनी 136 रन की पारी से टीम को विश्व विजेता बनाया। टेस्ट टीम के उपकप्तान और टी20-वनडे टीम के कप्तान मार्करम की यह पारी दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हो गई है।