बोले — “पुनर्वास के बिना एक भी झोपड़ी नहीं टूटने दूंगा”
सड़क ही नहीं इंसान भी बचाना जरूरी है- धस्माना का दो टूक संदेश
देहरादून, 25 जून। धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र की लोहियानगर, ब्रह्मपुरी और देहरखास जैसी मलिन बस्तियों के निवासियों में उस समय हड़कंप मच गया जब एलिवेटेड रोड निर्माण के चलते झुग्गी-झोपड़ियों के उजड़ने की खबरें फैलने लगीं। घबराए लोग बड़ी संख्या में नगर निगम स्थित टैक्स विभाग पहुंचे, जहां अपने घरों से जुड़े दस्तावेजों की तस्दीक का सिलसिला चल रहा था।
इसी बीच स्थानीय पार्षद मुकीम अहमद के आमंत्रण पर उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना नगर निगम पहुंचे और सीधे टैक्स विभाग के सभागार में पहुंचकर अधिकारियों से बातचीत की। अधीक्षक धर्मेश पैन्यूली की अध्यक्षता में पानी, बिजली, खाद्य, चुनाव आयोग सहित अन्य विभागों के कर्मी दस्तावेजों की जांच कर रहे थे।
श्री धस्माना ने अधिकारियों से आग्रह किया कि हर बस्तीवासी को अपने दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए पूरा समय और उचित अवसर मिले। साथ ही, सभी की उपस्थिति का विधिवत रिकॉर्ड भी तैयार किया जाए ताकि किसी की आवाज़ अनसुनी न रह जाए। कर अधीक्षक श्री पैन्यूली ने उन्हें आश्वस्त किया कि सभी को पूरा अवसर दिया जाएगा।

लेकिन इस दिन का असली संदेश तब आया जब श्री धस्माना ने स्पष्ट कहा,
“मैं यह वचन देता हूँ कि बिना वैकल्पिक पुनर्वास के एक भी झोपड़ी नहीं टूटेगी। यदि जरूरत पड़ी तो मैं फिर से सड़कों पर उतरकर सरकार को बस्तियों के खिलाफ कार्रवाई रोकने पर मजबूर करूंगा।”
तीन दशकों से लगातार संघर्षरत नेता
इस मौके पर कांग्रेस श्रम प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश कौशल ने कहा कि श्री धस्माना का मलिन बस्तियों के लिए संघर्ष 90 के दशक से जारी है और साढ़े तीन दशकों में उन्होंने सैकड़ों बार बस्तियों पर आए संकटों को संघर्ष और रणनीति से टाल दिया है।
उन्होंने 2018 का ज़िक्र करते हुए कहा कि जब तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल में कोर्ट की आड़ में बस्तियों को उजाड़ने का प्रयास हुआ था, तो उत्तराखंड मलिन बस्ती विकास परिषद के बैनर तले श्री धस्माना ने हज़ारों लोगों के साथ मोर्चा खोल दिया था। परिणामस्वरूप, राज्य सरकार को अध्यादेश लाना पड़ा, जो अब तक तीन बार जारी हो चुका है — और इसी का श्रेय श्री धस्माना को जाता है।
पार्षद मुकीम अहमद ने उन्हें मलिन बस्तियों का “असली मसीहा” बताते हुए कहा कि संकट की हर घड़ी में श्री धस्माना ही सबसे पहले बस्तीवासियों के बीच पहुंचते हैं — नारे नहीं, समाधान लेकर।

श्री धस्माना ने उपस्थित जनता को भरोसा दिलाया कि उनका मकान, उनका आशियाना सुरक्षित रहेगा और जब तक वे साथ हैं, कोई भी मलिन बस्ती उजड़ने नहीं दी जाएगी।
इस दौरान श्री संत राम, श्री विजय, श्री शादाब, श्री अब्दुल कदीर, श्री संजय, श्री राजकुमार समेत सैकड़ों बस्तीवासी भी उपस्थित रहे और श्री धस्माना के नेतृत्व में पूरा भरोसा जताया।