पीओके वापस लौटेगा

पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के लोगों को भारतीय परिवार का हिस्सा बताते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि दिन दूर नहीं जब वे खुद भारत की मुख्यधारा में लौट आएंगे।
भारतीय उद्योग परिसंघ के बिजनेस समिट में अपने संबोधन में सिंह ने कहा कि हमारा मानना है कि हमारा अपना हिस्सा पीओके वापस लौटेगा और कहेगा, मैं भारत हूं, वापस आ गया हूं। सिंह ने कहा कि वहां रहने वाले हमारे इन भाइयों की हालत कुछ ऐसी है, जैसे महाराणा प्रताप के छोटे भाई शक्ति सिंह की थी। जैसा कि महाराणा प्रताप शक्ति के अलग हो जाने पर कहते थे-तब कुपथ को छोड़, सुपथ पर स्वयं चला आएगा, मेरा ही भाई है मुझ से दूर कहां जाएगा।
लेकिन महाराणा के भाई की याद करते हुए भूलना नहीं होगा कि रावण का भाई विभीषण ही उसके अंत का कारण बना था। पाकिस्तान पर सैन्य हमले, स्वदेशी रक्षा क्षमताओं के बेहतरीन प्रदर्शन और पहली दफा दुश्मन मुल्क में घुस कर आतंकवादी ठिकानों पर प्रभावी कार्रवाई से तय रूप से भारत के हौंसलों को बल मिला है। पाकिस्तान के  आंतरिक हालात, राजनीतिक अस्थिरता, मंहगाई और बेरोजगारी से अवाम त्रस्त है।
पीओके के उत्तरी इलाकों गिलगित, बाल्टिस्तान, डायमिर, गीजर और घांचे में तकरीबन पंद्रह लाख आबादी है। भारत विभाजन के बाद ही पाक ने जम्मू-कश्मीर के इस हिस्से पर हमला कर दिया था। तब से यह इलाका विवादों से घिरा है पर कश्मीर के तकरीबन 35त्न हिस्से पर पाक का कब्जा है परंतु भारत इसे अपना अभिन्न हिस्सा मानता है। यहां की आबादी मुख्यतया मुसलमानों की है, चुनिंदा ईसाई रहते हैं।
उनके स्वयं भारत आने का इस तरह की काल्पनिक बातें करने से पहले केंद्रीय मंत्री को देश के भीतर रहने वाले मुसलमानों के प्रति सहिष्णुता दिखानी सीखना होगा। भाजपा के कार्यकाल में हो रहे सांप्रदायिक पक्षपात की अनदेखी नहीं की जा सकती। भारत-पाक के बीच संघर्ष व युद्ध विराम को दोनों मुल्कों की सरकारें जुबानी वाद-विवाद तथा आरोप-प्रत्यारोप द्वारा अपने-अपने देशवासियों को प्रभावित करने में भरसक जुटी दिख रही हैं। यह कोई बर्लिन की दीवार नहीं है, जो विभाजन को नेस्तनाबूद करने के लिए झटके से गिरा दी जाए।

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