इस्लामाबाद,25 जून। पाकिस्तान गुप्त रूप से लंबी दूरी की परमाणु संचालित अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) बनाने पर काम कर रहा है। कथित तौर पर इसकी पहुंच अमेरिका तक होगी। वाशिंगटन की खुफिया एजेंसियों ने ये जानकारी दी है। अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर पाकिस्तान ऐसी मिसाइल हासिल कर लेता है, तो अमेरिका उसे परमाणु विरोधी देश घोषित कर सकता है।
रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तानी सेना एक परमाणु मिसाइल विकसित कर रही है, जिसकी पहुंच अमेरिका महाद्वीप तक हो सकती है। अमेरिकी खुफिया सूत्रों का हवाला देते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका पाकिस्तान की बढ़ती परमाणु क्षमताओं को लेकर चिंतित है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर पाकिस्तान आईसीबीएम हासिल कर लेता है तो वाशिंगटन के पास उस देश को परमाणु विरोधी मानने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा।
रिपोर्ट में रूस और चीन के बीच बढ़ते परमाणु गठबंधन पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जो अमेरिका के लिए चिंता का विषय है। इसमें कहा गया है, आईसीबीएम विकसित करने के पीछे पाकिस्तान की मंशा अमेरिका को किसी एहतियाती हमले की स्थिति में अपने परमाणु शस्त्रागार को नष्ट करने से रोकना है और दोनों पड़ोसी देशों के बीच फिर से टकराव होने पर भारत की ओर से हस्तक्षेप करने से रोकना है।
हाल ही में वैश्विक आतंकवाद और मनी लॉन्ड्रिंग पर नजर रखने वाली संस्था वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) ने कहा था कि पाकिस्तान बैलिस्टिक मिसाइल को विकसित करने में लगा हुआ है, जो अंतरराष्ट्रीय मानदंडों का उल्लंघन है। एफएटीएफ ने 2020 में भारतीय सीमा शुल्क अधिकारियों द्वारा जब्त किए गए एक शिपमेंट का हवाला भी दिया था। एफएटीएफ ने कहा था कि ऐसी गतिविधियां वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा हैं और यह सामान मिसाइल बनाने में मदद कर सकता है।
बैलिस्टिक मिसाइल किसी लक्ष्य पर हमला करने के लिए प्रक्षेप्य गति यानी ऊंची उड़ान पथ का इस्तेमाल करती हैं। आईसीबीएम 5,500 किलोमीटर से ज्यादा दूरी तक परमाणु और पारंपरिक दोनों तरह के हथियार ले जाने में सक्षम होती हैं। वर्तमान में पाकिस्तान के पास कोई आईसीबीएम नहीं है। 2022 में पाकिस्तान ने सतह से सतह पर मार करने वाली मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल शाहीन-3 का परीक्षण किया था, जिसकी रेंज 2,700 किलोमीटर से ज्यादा है।