कोहली को कप्तान बनाकर उनका संन्यास टाला जा सकता था

0-रवि शास्त्री का बड़ा बयान
नईदिल्ली, 12 जून। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री उस समय भावुक हो गए जब वह विराट कोहली के टेस्ट से संन्यास पर बात कर रहे थे।
उन्होंने कोहली की कप्तानी में एक सफल दौर बिताया है और कई यादगार सीरीज जीतते हुए देखा है।
उनका मानना है कि कोहली का संन्यास थोड़ा और समझदारी से संभाला जा सकता था। उन्हें कप्तान बनाकर उनके संन्यास को टाला जा सकता था।
शास्त्री ने कहा, कोहली का टेस्ट से संन्यास लेना दुख की बात है। वह एक महान खिलाड़ी हैं। जब कोई चला जाता है तभी लोग उसकी अहमियत समझते हैं। आंकड़े उनकी महानता को पूरी तरह नहीं दिखा सकते, उन्होंने खुद को टेस्ट क्रिकेट के दौरान विदेशी दौरे में जिस तरह पेश किया वो काफी महत्वपूर्ण था। लॉर्ड्स में टीम ने जैसे मैच पलटा वो लम्हा किसी सपने जैसा था और मुझे खुशी है कि मैं उस पल का हिस्सा था।
शास्त्री ने कहा, मुझे दुख है कि वह जिस तरह से गए, वह बहुत अचानक हुआ। मुझे लगता है कि इस पूरे मामले को थोड़ा और अच्छे तरीके से संभाला जा सकता था, शायद उनसे ज्यादा बातचीत की जा सकती थी। अगर यह फैसला मेरे हाथ में होता तो मैं उन्हें ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद ही फिर से कप्तान बना देता।
साल 2019 से 2024 तक कोहली ने 46 टेस्ट मैच खेले। इसकी 78 पारियों में 35.84 की औसत से सिर्फ 2,617 रन बनाए। इस दौरान उनके बल्ले से 5 शतक और 11 अर्धशतक निकले थे।
कोहली ने 2 शतक साल 2019 में और 2 शतक 2023 में लगाए थे। 1 शतक पिछले साल आया था।
साल 2020, 2021 और 2022 में उनके बल्ले से 1 भी शतक नहीं निकला। इस दौरान वह भारत के लिए 19 टेस्ट मैच खेले थे।
कोहली ने अपने टेस्ट करियर में 123 मैचों की 210 पारियों में 46.85 की उम्दा औसत के साथ 9,230 रन बनाए थे। इस बीच नाबाद 254 रन उनका सर्वोच्च स्कोर स्कोर रहा था।
कोहली के बल्ले से 30 शतक और 31 अर्धशतक निकले थे।
उन्होंने अपना पहला टेस्ट वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम के खिलाफ खेला था।
भारत में उनसे ज्यादा टेस्ट रन सिर्फ सचिन तेंदुलकर (15,921), राहुल द्रविड़ (13,265) और सुनील गावस्कर (10,122) ने बनाए हैं।

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