0-इज़राइल-ईरान तनाव को शांत करने का किया आह्वान
नई दिल्ली, 14 जून (आरएनएस)। दिल्ली स्थित ए.पी. भवन में आयोजित एक आपातकालीन प्रेस कॉन्फ्रेंस में, अंतरराष्ट्रीय मानवतावादी और शांति कार्यकर्ता डॉ. के.ए. पॉल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि वे नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू का तुरंत इस्तीफा लें। उन्होंने 17 कारणों का हवाला देते हुए कहा कि मंत्री के पास अनुभव की भारी कमी है और एयर इंडिया फ्लाइट 171 की दुखद दुर्घटना के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि पर प्रश्नचिन्ह लग गया है। इस हादसे में लगभग 300 लोगों की जान चली गई।
मीडिया को संबोधित करते हुए डॉ. पॉल ने सवाल उठाया कि महज 37 वर्षीय, विमानन क्षेत्र में अनुभवहीन व्यक्ति को इतने अहम मंत्रालय की जिम्मेदारी क्यों सौंपी गई। मैं नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू के इस्तीफे की मांग करता हूं। वह सिर्फ 37 साल के हैं और उनके पास विमानन का कोई अनुभव नहीं है। इस क्षेत्र को संभालना बेहद जटिल है — मैं खुद 1991 से निजी विमान का मालिक हूं, डॉ. पॉल ने कहा। इस विमान दुर्घटना में 169 भारतीय नागरिकों के साथ 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली, 1 कनाडाई नागरिक और कई चिकित्सा छात्र मारे गए। डॉ. पॉल ने इसे भारत के लिए एक अंतरराष्ट्रीय शर्मिंदगी बताते हुए नेतृत्व स्तर पर जवाबदेही की आवश्यकता जताई। इस हादसे ने न केवल हमारे 169 भारतीयों की जान ली, बल्कि 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और एक कनाडाई नागरिक की मौत भी हुई। भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि को बचाने के लिए मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए, उन्होंने जोड़ा।
डॉ. पॉल ने घरेलू मुद्दों के साथ-साथ इज़राइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव पर भी गंभीर चिंता जताई। दोनों देशों के बीच सैन्य टकराव की आशंका को देखते हुए उन्होंने तुरंत कूटनीतिक हस्तक्षेप की अपील की, जिससे वैश्विक संघर्ष को रोका जा सके। मैं प्रधानमंत्री नेतन्याहू से अपील करता हूं कि वे ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला बंद करें, और ईरानी नेतृत्व से आग्रह करता हूं कि वे जवाबी कार्रवाई कर इस संघर्ष को तीसरे विश्व युद्ध में न बदलें। हमें और युद्ध नहीं चाहिए — अब तक 56 युद्धों में करोड़ों जानें जा चुकी हैं और खरबों डॉलर की हानि हो चुकी है, उन्होंने कहा। डॉ. पॉल, जो अतीत में ईरान में राज्य अतिथि रहे हैं और वहां मानवीय सहायता पहुंचा चुके हैं, ने चेतावनी दी कि अगर यह टकराव जारी रहा, तो इसके वैश्विक स्तर पर गंभीर परिणाम होंगे, विशेषकर दोनों पक्षों के सामरिक गठबंधनों को देखते हुए।