अजय दीक्षित
आज दिन भर देश की मीडिया की जुबान पर एक ही नाम सोनम छाया रहा है। विगत 23 मई से देश की तमाम पुलिस अधिकारियों की टीम मप्र के इंदौर की सोनम को ढूंढ रही थी। 27 वर्षीय सोनम की शादी इंदौर के ही राजा रघुवंशी के साथ 11 मई को हुई थी और 21 मई को सोनम अपने पति राजा के साथ हनीमून मनाने गोहाटी से होते हुए मेघालय गयी थी। विगत 8 जून को उत्तर प्रदेश पुलिस ने सोनम के भाई की सूचना पर बनारस गाजीपुर एक्सप्रेस वे पर एक ढाबे से पकड़ा वह 17 दिन से अदृश्य थी ।कल से पहले सोनम और राजा के गुम होने में दोनों के कत्ल की आशंका थी। मगर मेघालय पुलिस ने राजा रघुवंशी के कत्ल में तीन अन्य के साथ सोनम का नाम भी शामिल बताया और जो घटनाक्रम बताया उससे पूरा देश हड़प्रभ है ।अब से पहले इंदौर में मप्र के मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव ने केंदीय सरकार के गृह मंत्री श्री अमित शाह से पूरे मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की थी।
यह इस घटना का एक पहलू है लेकिन दूसरा पहलू बहुत ही भयावह है कि आखिर नई पीढ़ी की सोच को क्या हो गया है
अपनी सामाजिक तानाबाना चरमरा गया है क्यों शिक्षा प्रणाली फेल हो रही है। पारिवारिक संस्कार खत्म हो गये हैं।
नई पीढ़ी को कानून का ज्ञान भी नहीं है।सोनम जैसे कई किस्से सामने आ रहे हैं। अभी हाल में नीले ड्रम में पति को सीमेंट कंक्रीट में दफनाया गया।
भारत में शादी विवाह संस्था काफी प्रभावी है। यूरोपीय देशों की तुलना में शादियां काफी सफल हैं मात्र दस फीसदी ही असफलता है। लेकिन पिछले 10 वर्षों में यह संख्या दुगनी हो चुकी है। समाजशास्त्री एडम स्ट्रेन ने पूरे विश्व की शादियों, नव जोड़ों,का अध्ययन किया है और वे कहते हैं कि शिक्षित और विकसित समाज में शादियों को लेकर असंतोष बढ़ा है और चिंताजनक भी है।स्ट्रेन ने लिखा है कि अमेरिका, यूरोपीय देशों में तलाक लेना कॉमन है। जबकि भारत में अभी तक शादियां सर्वाधिक सफल हैं।एशिया में मुस्लिम देशों में तो एक से अधिक शादी करने का प्रचलन है लेकिन
सोनम जैसे मामले कम है।
भारतीय समाज शिक्षित और विकसित हो रहा है तो इस तरह के मामले भी बढ़ रहे हैं।
सोनम के समक्ष एक विकल्प शादी से इनकार करने का था मगर उसने घातक फैसला क्यों लिया यह मनोविज्ञान का विषय है।सोनम का प्रेमी राज कुशवाह भी इसकी पहल कर सकता था उसने भी अपराध का रास्ता चुना।
( Dekh Mein vyakt lekhak ke Niji vichar Hain )