नई दिल्ली, 11 जून। भारत की लिस्टेड कंपनियों ने मार्च 2025 की शुरुआत से अब तक बाजार पूंजीकरण में लगभग 1 ट्रिलियन डॉलर की बढ़ोतरी की है, जो 5.33 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गई है. अक्टूबर 2024 और फरवरी 2025 के बीच पांच महीने के सुधार के बाद निरंतर तेजी को दिखाता है.
प्रतिशत के लिहाज से, बाजार पूंजीकरण में 21 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी हुई है – जो दुनिया के टॉप 10 इक्विटी बाजारों में सबसे अधिक बढ़ोतरी है. भारत वर्तमान में अमेरिका, चीन, जापान और हांगकांग के बाद वैश्विक स्तर पर पांचवां सबसे बड़ा बाजार है.
वैश्विक स्तर पर भारत के बाद जर्मनी ने दूसरा सबसे बड़ा लाभ दर्ज किया, जिसका एमकैप इस अवधि के दौरान लगभग 14 फीसदी बढ़ा है. कनाडा में लगभग 11 फीसदी की बढ़ोतरी हुई, जबकि हांगकांग में 9 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी देखी गई. जापान और यूनाइटेड किंगडम में लगभग 8 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई.
इस अवधि के दौरान भारत के बेंचमार्क सूचकांक, सेंसेक्स और निफ्टी में 12.5 फीसदी और 13.5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जबकि व्यापक बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांक क्रमश- 20.7 फीसदी और 26 फीसदी से अधिक चढ़े हैं. हालांकि इस मजबूत रैली ने मूल्यांकन को एक बार फिर से ऊंचे स्तर पर पहुंचा दिया है.
संयुक्त राज्य अमेरिका, जो दुनिया का सबसे बड़ा इक्विटी बाजार है, ने लगभग 2.4 फीसदी की मामूली बढ़ोतरी दर्ज की, जबकि दूसरे सबसे बड़े चीन में 2.7 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई. फ्रांस और ताइवान ने क्रमश- 3.9 फीसदी और 3.2 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी दर्ज की.