आईसीसी ने बदले 5 नियम, शॉर्ट रन बढ़ाएगा सिरदर्द, कैच भी बनेगा चिंता का सबब

नई दिल्ली,27 जून। आईसीसी क्रिकेट को और बेहतर बनाने के लिए लगातार क्रिकेट के नियमों में बदलाव कर रहा है. नए नियमों के मुताबिक क्रिकेट को बल्लेबाज, गेंदबाज और फील्डर्स के लिए ज्यादा से ज्यादा आसान बनाने की कोशिश की जा रही है. अब एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद नियम परिवर्तन करने के लिए तैयार है. इनमें से कुछ नियम 17 जून से लागू हो गए हैं.
टेस्ट के लिए स्टॉप क्लॉक और नए निर्णय समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) तो 2025-27 विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) चक्र के साथ अमल में आ गया है लेकिन व्हाइट-बॉल क्रिकेट में लागू होने वाले नियम 2 जुलाई से लागू होने वाले हैं. ईएसपीएन क्रिकइन्फो की रिपोर्ट के मुताबिक 5 नियमों में बदलाव हुआ है. आइए उनके बारे में जानते हैं.
यह नियम पहले से ही वनडे और टी20 क्रिकेट में लागू है. अब ये टेस्ट क्रिकेट में भी लागू कर दिया गया है. नए नियम के अनुसार फील्डिंग टीम को पिछले ओवर के समाप्त होने के एक मिनट के भीतर अगला ओवर शुरू करना होगा.
ऐसा न करने पर अंपायर द्वारा दो चेतावनी दी जाएगीं, जिसके बाद फील्डिंग टीम पर पांच रन का जुर्माना लगाया जाएगा. हर 80 ओवर के बाद चेतावनियां रीसेट की जाएगी. टाइमर 0 से 60 तक चलता है. ये नियम 17 जून से लागू हो चुका है.
अब डीआरएस के नियम बदले नजर आएंगे. यदि कोई बल्लेबाज विकेट के पीछे कैच आउट हो जाता है लेकिन रीप्ले में बल्ले से कोई संपर्क नहीं दिखता है, तो टीवी अंपायर संभावित एलबीडब्ल्यू की समीक्षा कर सकता है यदि गेंद पैड से टकराती है. हालांकि अब एलबीडब्ल्यू समीक्षा के दौरान अंपायर का मूल निर्णय मान्य रहेगा. यदि बॉल-ट्रैकिंग अंपायर की कॉल बरकरार रखती है, तो बल्लेबाज आउट रहेगा.
इस नए नियम के मुताबिक अगर कोई बल्लेबाज जानबूझकर शॉर्ट रन लेता है तो अंपायर दंड के रूप में बल्लेबाजी टीम पर 5 रनों की पेनल्टी लगा देगा. जिससे टीम के स्कोर से 5 रन घटा दिए जाएंगे. इसके साथ ही फील्डिंग टीम से अंपायर पूछेगा कि किस बल्लेबाज को स्ट्राइक पर रहना चाहिए.
नो-बॉल पर भी कैच की निष्पक्षता की जांच की जाएगी. बल्लेबाज कैच आउट हो गया और अंपायर कैच को लेकर पूरी तरह से क्लियर नहीं है तो थर्ड अंपायर पहले नो बॉल की जांच करेगा. अगर नो बॉल होती है तब भी वो कैच को जांचेगा. गेंद अगर जमीन पर लगी है तो नो बॉल के रन के साथ जितने रन बल्लेबाजों ने दौड़कर बनाए हैं वो भी स्कोर में जोड़ दिए जाएंगे.
आईसीसी ने लार के इस्तेमाल की स्थिति में अंपायरों के लिए गेंद को बदलना अनिवार्य नहीं, बल्कि वैकल्पिक बना दिया है. ऐसा इसलिए किया गया ताकि जानबूझकर गेंद पर सलाइवा का इस्तेमाल कर इसे बदल ना सके. क्योंकि गेंद तब बदली जाएगी जब उसकी हालत खराब होगी. ऐसा जानबूझकर करने पर अंपायर द्वारा पेनल्टी भी लगाई जा सकती है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here