सरकार ने विकसित भारत@2047 के तहत किशोरियों के लिए कौशल विकास की नई पहल ‘नव्या’ की शुरुआत की


किशोरियों को सशक्त बनाने के हमारे साझा मिशन में नव्या योजना मील का पत्थर साबित होगी: श्रीमती सावित्री ठाकुर

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा चिन्हित किशोरियों को प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत अल्पकालिक कौशल विकास पाठ्यक्रमों के ज़रिए प्रशिक्षित किया जाएगा

नई दिल्ली, 24 जून। किशोर युवतियों को सशक्त बनाने और विकसित भारत@2047 के विज़न को आगे बढ़ाते हुए, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (एमडब्ल्यूसीडी) ने कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) के साथ मिलकर आज उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में ‘नव्या’ (युवा किशोरियों के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण के ज़रिए आकांक्षाओं का पोषण) का शुभारंभ किया।

कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जयंत चौधरी और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की राज्य मंत्री श्रीमती सावित्री ठाकुर द्वारा संयुक्त रूप से शुरू किए गए, नव्या कार्यक्रम का मकसद 16-18 वर्ष की किशोरियों को मुख्य रूप से गैर-पारंपरिक और उभरते हुए क्षेत्रों में रोज़गार की भूमिकाओं को लेकर व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करना है। देश भर से किशोरियों ने वेबकास्ट के ज़रिए कार्यक्रम में वर्चुअल रूप से भाग लिया, जिससे भारत के हर हिस्से से उनकी उत्साहपूर्ण उपस्थिति दर्ज हुई।

इस पहल की शुरूआत करते हुए, श्री जयंत चौधरी ने कहा कि नव्या, महज़ रोजगार के बारे में ही नहीं है, बल्कि यह युवा किशोरियों, खासकर सोनभद्र जैसे आकांक्षी और आदिवासी जिलों में आत्मविश्वास, आर्थिक स्वतंत्रता और उद्यमशीलता की भावना पैदा करने के बारे में है। एमडब्ल्यूसीडी द्वारा चिन्हित किशोरियों को प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) के तहत अल्पकालिक कौशल विकास पाठ्यक्रमों के ज़रिए प्रशिक्षित किया जाएगा, ताकि वे अपने छोटे व्यवसाय स्थापित करने के काबिल बन सकें।

इस मौके पर श्रीमती सावित्री ठाकुर ने कहा कि नव्या, किशोरियों को सशक्त बनाने के हमारे साझा मिशन में एक मील का पत्थर है। व्यावसायिक प्रशिक्षण के ज़रिए, हमारा लक्ष्य उन्हें आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी नागरिक बनने में मदद करना है। यह पहल न केवल उन्हें ज़रुरी  कौशल प्रदान करेगी बल्कि उन्हें सम्मान, स्वतंत्रता और आत्म-विश्वास का जीवन जीने में मददगार साबित होगी।

अपने पायलट चरण में, नव्या को 19 राज्यों के 27 पूर्वोत्तर और आकांक्षी जिलों में शुरू किया जा रहा है। प्रत्येक भागीदार जिले में किशोरियों की ज़रूरतों के हिसाब से नौकरी-भूमिका-विशिष्ट व्यावसायिक पाठ्यक्रम प्रदान करने वाले प्रशिक्षण केंद्र बनाए गए हैं।

नव्या कार्यक्रम के तहत, किशोरियों को ग्राफ़िक डिज़ाइन, दूरसंचार और वित्तीय सेवाएँ, स्मार्टफ़ोन और ड्रोन असेंबली, सोलर पीवी और सीसीटीवी इंस्टॉलेशन और हाथ की कढ़ाई जैसे कौशल में प्रशिक्षित किया जा रहा है, ताकि वे तेज़ी से विकसित हो रहे नौकरी बाज़ार में उभरते अवसरों के लिए सशक्त बन सकें।

पीएमकेवीवाई और पीएम विश्वकर्मा योजनाओं जैसी एमएसडीई की प्रमुख योजनाओं से मौजूदा संसाधनों का उपयोग करके, नव्या के तहत प्रशिक्षण दिया जाएगा।

इस कार्यक्रम में पीएमकेवीवाई और पीएम विश्वकर्मा के तहत सफल प्रशिक्षुओं को प्रमाण पत्र भी दिए गए। साथ ही लाभार्थियों के साथ संवादात्मक सत्र का भी आयोजन किया गया, जिसमें, उन्होंने कौशल विकास के ज़रिए बदलाव की अपनी यात्रा को साझा किया।

इस अनूठी पहल नव्या के साथ, भारत सरकार समावेशी विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है, ताकि हर लड़की, चाहे वह किसी भी भौगोलिक या पृष्ठभूमि की हो, देश के विकास के सफर में अहम योगदान देने के लिए कौशल, अवसर और आत्मविश्वास से लैस हो।

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