खलंगा में वन अतिक्रमण: भूमाफियाओं पर अंकुश लगाने को कांग्रेस का वन विभाग पर दबाव, उच्चस्तरीय जांच की मांग

देहरादून, 17 जून। उत्तराखंड में वन अतिक्रमण और वृक्षों की अवैध कटाई का मामला गरमा गया है। आज युवा इंटक के प्रदेश अध्यक्ष पंकज सिंह क्षेत्री और कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमती सुजाता पॉल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रमुख वन संरक्षक उत्तराखंड डॉ. धनंजय मोहन से मुलाकात की। इस दौरान खलंगा क्षेत्र में भूमाफियाओं द्वारा किए जा रहे वन अतिक्रमण और साल के पेड़ों की अवैध कटाई को लेकर एक ज्ञापन सौंपा गया। प्रतिनिधिमंडल ने इसे पर्यावरण संरक्षण कानूनों का घोर उल्लंघन और वन विभाग की लापरवाही का प्रमाण बताया।
मीडिया खुलासे के बाद जागी सरकार!
युवा इंटक प्रदेश अध्यक्ष पंकज सिंह क्षेत्री ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि वृक्षों की इस अवैध कटाई की जानकारी विभाग को तब हुई, जब स्थानीय पत्रकार श्री रोहित वर्मा और उनकी पत्नी श्रीमती दीपशिखा रावत वर्मा ने समाचार पत्रों और सोशल मीडिया के माध्यम से इन तथ्यों को उजागर किया। इसके बाद ही वन विभाग ने कार्रवाई करते हुए अतिक्रमण की सामग्री जब्त की और अशोक अग्रवाल नामक व्यक्ति के विरुद्ध वन अधिनियम के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया। क्षेत्री ने इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष और समयबद्ध जांच की आवश्यकता पर बल दिया।
प्रतिनिधिमंडल की चार सूत्रीय मांगें
प्रतिनिधिमंडल ने प्रमुख वन संरक्षक के समक्ष चार सूत्रीय मांगें रखीं:

  • एक स्वतंत्र एवं उच्चस्तरीय जांच समिति गठित कर प्रकरण की व्यापक जांच कराई जाए।
  • रायपुर रेंज के वन अधिकारियों एवं कर्मचारियों को उक्त जांच प्रक्रिया से पृथक रखा जाए ताकि निष्पक्षता बनी रहे।
  • प्रथम दृष्टया दोषी प्रतीत होने वाले वन कर्मियों के विरुद्ध निलंबन एवं विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।
  • संलिप्त भूमाफियाओं के विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
    कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमती सुजाता पॉल ने कहा कि वन संपदा की रक्षा एवं राज्य के पर्यावरणीय संतुलन के लिए यह आवश्यक है कि दोषियों को बख्शा न जाए और इस मामले में उदाहरणीय कार्रवाई हो। जागरूक नागरिक एवं पर्यावरण प्रेमी श्रीमती दीपशिखा रावत ने चेताया कि यदि खलंगा वन क्षेत्र पर अतिक्रमण को जल्द नहीं रोका गया, तो पूरे देहरादून के ऑक्सीजन बैंक को भारी नुकसान होगा, जिसकी भरपाई कभी नहीं हो पाएगी।
    प्रमुख वन संरक्षक का आश्वासन
    प्रमुख वन संरक्षक उत्तराखंड डॉ. धनंजय मोहन ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि जल्द ही डीम्ड फॉरेस्ट की कमेटी ऐसी निजी भूमि को चिन्हित कर शासन को रिपोर्ट सौंपेगी, जिसमें दुर्लभ एवं प्रतिबंधित वृक्षों का जंगल बन चुका है। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि पूरे खलंगा क्षेत्र का जल्द ही सर्वे किया जाएगा और अवैध अतिक्रमण को ध्वस्त किया जाएगा।
    इस महत्वपूर्ण प्रतिनिधिमंडल में दीपशिखा रावत, रोहित वर्मा, श्रीमती सुजाता पॉल, पंकज सिंह क्षेत्री, कैंट ब्लॉक अध्यक्ष विकास राज थापा, नवीन चौधरी, कुणाल कुमार आदि शामिल रहे।

यहां देखें प्रमुख वन संरक्षक उत्तराखंड को प्प्रेषित ज्ञापन

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