भारी बारिश में भी नहीं डिगा खलंगा वन प्रेमियों का संकल्प: जंगल पर कब्जे के खिलाफ बुलंद की आवाज़!

देहरादून, 15 जून।भारी बारिश और खराब मौसम के बावजूद, देहरादून के ऐतिहासिक खलंगा वन में हो रहे अवैध कटान और अतिक्रमण के खिलाफ पर्यावरण प्रेमियों ने अपनी आवाज बुलंद की। सैकड़ों पेड़ों के काटे जाने और जंगल पर कब्जे की कोशिशों का विरोध करते हुए बड़ी संख्या में लोग खलंगा वन पहुंचे और इस सदियों पुराने जंगल को बचाने का संकल्प लिया। इस मुहिम को सबसे पहले उठाने वाली सामाजिक कार्यकर्ता दीपशिखा रावत की सभी उपस्थित लोगों ने सराहना की।
इस अवसर पर, कांग्रेस नेता और युवा इंटक के प्रदेश अध्यक्ष पंकज सिंह क्षेत्री ने वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि विभाग ने भले ही 22 पेड़ों के कटान का मामला दर्ज किया हो, लेकिन मौके पर सैकड़ों पेड़ों के काटे जाने के स्पष्ट निशान हैं। उन्होंने हैरानी जताई कि खलंगा जैसे सैकड़ों वर्ष पुराने जंगल पर अतिक्रमण कैसे हो गया और वन विभाग इतने समय से क्या कर रहा था। क्षेत्री ने साफ किया कि यह तो केवल शुरुआत है, और वे खलंगा की ऐतिहासिक धरोहर को किसी भी कीमत पर नष्ट नहीं होने देंगे।

गौरतलब है कि वन विभाग ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए कल ही निर्माण कार्य रुकवा दिया था और साल के जंगल की पुष्टि की थी। साथ ही, 22 पेड़ों को नुकसान पहुंचाने के मामले में अपराध दर्ज किया गया है। वन विभाग ने संबंधित भूमि के खसरे की सीमाएं स्पष्ट करने के लिए सर्वे कराने की बात भी कही है।
खलंगा वन को बचाने की इस मुहिम में दीपशिखा रावत वर्मा, रोहित वर्मा, कांग्रेस राष्ट्रीय प्रवक्ता सुजाता पॉल, प्रदेश प्रवक्तागण अभिनव थापर, गिरिराज किशोर, आशीष नौटियाल एवं विकास थापा, उत्तराखंड आंदोलनकारी एवं सामाजिक कार्यकर्ता जयदीप सकलानी, जन गीत गायक सतीश धौलाखंडी, विनय कुमार, युवा इंटक के जिला अध्यक्ष अभिनय बिष्ट सहित कई अन्य पर्यावरण प्रेमी और जागरूक नागरिक शामिल रहे।

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