घर में राम दरबार की स्थापना: नियम, दिशा और पूजा विधि

अयोध्या में 5 जून को विधि-विधान से राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न हुई। इस शुभ अवसर पर 101 आचार्यों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ प्रतिष्ठा कराई, जिससे पूरा मंदिर परिसर आध्यात्मिक ऊर्जा से भर गया। इस ऐतिहासिक घटना के बाद कई श्रद्धालुओं के मन में यह प्रश्न उठ रहा है कि क्या वे अपने घर में भी राम दरबार स्थापित कर सकते हैं? यदि हां, तो इसके लिए क्या नियम हैं और इससे क्या लाभ प्राप्त होते हैं? आइए इन सभी पहलुओं को विस्तार से समझते हैं।

क्या घर में राम दरबार स्थापित किया जा सकता है?

घर में राम दरबार स्थापित किया जा सकता है, लेकिन यह साधारण मूर्तियों की स्थापना नहीं है। श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान जी के साथ पूरे दरबार को सम्मानपूर्वक स्थान देना आवश्यक है। चूंकि भगवान श्रीराम मर्यादा पुरुषोत्तम हैं, इसलिए उनकी मूर्ति स्थापना में कुछ विशेष नियमों और मर्यादाओं का पालन करना जरूरी होता है।

राम दरबार की स्थापना के नियम

घर में राम दरबार स्थापित करने से पहले निम्नलिखित नियमों का पालन करना आवश्यक है:

  1. दिशा का चयन: राम दरबार को उत्तर, पूर्व या पश्चिम दिशा में स्थापित करना चाहिए। ये दिशाएं शास्त्रों में शुभ मानी गई हैं।
  2. मूर्ति का आकार: घर में स्थापित की जाने वाली मूर्ति की ऊंचाई 6 इंच से अधिक नहीं होनी चाहिए।
  3. मूर्ति की सामग्री: मूर्ति पीतल, पत्थर, चांदी या सोने की होनी चाहिए। प्लास्टिक या अन्य कृत्रिम सामग्री से बनी मूर्तियां उचित नहीं मानी जातीं।
  4. मूर्ति की स्थिति: राम दरबार में टूटी-फूटी मूर्ति नहीं रखनी चाहिए। यदि किसी कारणवश मूर्ति क्षतिग्रस्त हो जाए, तो उसे विधिपूर्वक विसर्जित कर देना चाहिए।
  5. पूजा का नियम: यदि घर में राम दरबार स्थापित किया गया है, तो उसकी नियमित पूजा करना आवश्यक है। बिना पूजा किए मूर्ति रखना अशुभ माना जाता है।

घर में राम दरबार की पूजा विधि

घर में राम दरबार स्थापित करने के बाद उसकी पूजा विधि इस प्रकार होनी चाहिए:

  1. सूर्योदय से पहले उठें और नित्यकर्म के बाद स्नान करें।
  2. स्वच्छ और मर्यादित वस्त्र पहनकर पूजा स्थल पर जाएं।
  3. तीन बार ताली बजाकर प्रभु को जागृत करें।
  4. गंगाजल, नर्मदा जल या किसी शुद्ध स्रोत के जल से भगवान को स्नान कराएं।
  5. फूल अर्पित करें और श्रृंगार करें
  6. श्रद्धा से पकवानों का भोग लगाएं और फिर आरती करें।
  7. रामचरितमानस, सुंदरकांड या हनुमान चालीसा का पाठ करें।

घर में राम दरबार स्थापित करने के लाभ

घर में राम दरबार स्थापित करने से कई आध्यात्मिक और मानसिक लाभ प्राप्त होते हैं:

  • सकारात्मक ऊर्जा: घर में सकारात्मकता और शांति बनी रहती है।
  • ग्रह दोषों का निवारण: राम दरबार की स्थापना से ग्रह दोष दूर होते हैं।
  • परिवार में प्रेम और विश्वास: घर के सदस्यों में आपसी प्रेम और विश्वास बढ़ता है।
  • आध्यात्मिक उन्नति: व्यक्ति को आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है और मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है।

घर में राम दरबार की स्थापना एक पवित्र और शुभ कार्य है, लेकिन इसके लिए उचित नियमों और मर्यादाओं का पालन करना आवश्यक है। यदि सही दिशा, विधि और श्रद्धा के साथ राम दरबार की स्थापना की जाए, तो यह घर में सकारात्मक ऊर्जा और आध्यात्मिक उन्नति लाने में सहायक होता है।

यदि आप अपने घर में राम दरबार स्थापित करने की योजना बना रहे हैं, तो इन नियमों का पालन करें और भगवान श्रीराम की कृपा प्राप्त करें।

डिस्क्लेमर :-
इस लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की गांरंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, पंचांग, मान्यताओं या फिर धर्मग्रंथों से संकलित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इसके किसी भी तरह के उपयोग करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।

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