आयुर्वेद, योग और प्राचीन चिकित्सा पद्धतियों में 21 वर्षों के अनुभव का नतीजा — राष्ट्रीय स्तर पर मिला प्रतिष्ठित पुरस्कार
देहरादून। भारतीय स्वास्थ्य जागरूकता संघ (Indian Health Awareness Association – IHAA) द्वारा डॉ. डी. सी. पसबोला को “महर्षि सुश्रुत आयुर्वेद विद्या अवार्ड 2025” से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान उन्हें आयुर्वेद चिकित्सा के क्षेत्र में उनके गहन शोध, जनसेवा, रोग निवारण में उल्लेखनीय योगदान और हर्बल चिकित्सा विज्ञान के संवर्धन हेतु प्रदान किया गया है।
डॉ. पसबोला वर्तमान में आयुष विभाग, उत्तराखंड के अधीन राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय, जिला देहरादून में चिकित्सा अधिकारी (Medical Officer) और सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (CHO) के रूप में कार्यरत हैं। उन्हें आयुर्वेद चिकित्सा, योग, प्राणायाम और ध्यान साधना में 21 वर्षों का समृद्ध अनुभव प्राप्त है।
अपने वक्तव्य में डॉ. पसबोला ने कहा कि यह सम्मान न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि यह आयुर्वेद और योग चिकित्सा पद्धति की वैज्ञानिकता और प्रभावशीलता का भी वैश्विक प्रमाण है। उन्होंने बताया कि वे अपने चिकित्सालय में प्रतिदिन प्रातः योगाभ्यास स्वयं भी करते हैं और रोगियों व आगंतुकों को भी नियमित योग, प्राणायाम और आहार नियमों का पालन करवाते हैं, जिससे रोगों के उपचार में अद्भुत सफलता मिलती है।
IHAA द्वारा आयोजित इस पुरस्कार समारोह में यह भी उल्लेख किया गया कि डॉ. पसबोला द्वारा विभिन्न जड़ी-बूटियों पर किए गए शोध कार्यों ने अनेक गंभीर रोगों के उपचार में नई दिशा प्रदान की है। विशेष रूप से उनकी रुचि आयुर्वेद के मूल सिद्धांतों, त्रिदोष सिद्धांत, पंचकर्म विधियों और नाड़ी परीक्षण की गहन विद्वता में रही है।
इस उपलब्धि पर प्रदेश के चिकित्सा जगत, सहयोगियों, छात्रों और शुभचिंतकों ने डॉ. पसबोला को हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं दी हैं।
उनका समर्पण, अनुशासन और सेवा-भाव आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति को आधुनिक समाज में पुनर्स्थापित करने की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम है।