DM के ‘एक स्ट्रोक’ से 14 दिव्यांग अनाथ बच्चियों को मिला नया आशियाना: देहरादून में मानव मूल्यों की जीत
देहरादून। जिलाधिकारी सविन बंसल और उनकी कोर टीम के अथक प्रयासों से देहरादून की 14 विशेष आवश्यकता वाली बच्चियों को अब एक नया और सुरक्षित घर मिल गया है। मुख्यमंत्री की प्रेरणा से, इन अनाथ बौद्धिक अक्षम दिव्यांग बालिकाओं को अब बंद हो रहे सत्य साईं आश्रम से राफेल होम संस्था में सफलतापूर्वक स्थानांतरित कर दिया गया है।
यह मामला तब सामने आया जब सत्य साईं आश्रम ने निजी और आर्थिक कारणों से बंद होने और बच्चों को रखने में असमर्थता व्यक्त की। दिव्यांग अनाथ बालिकाओं के पुनर्वास की तत्काल आवश्यकता को देखते हुए, प्रशासन को दल-बल के साथ हस्तक्षेप करना पड़ा। जिला प्रशासन की इस सख्ती का असर प्रत्यक्ष और प्रभावी रहा, जिससे इन 14 बच्चियों को विधिवत राफेल होम संस्था में दाखिला मिल सका।

DM के सख्त तेवर: संस्थाओं को चेतावनी
इससे पहले, देहरादून में पंजीकृत कुछ संस्थाओं द्वारा विशेष आवश्यकता वाली बालिकाओं को प्रवेश देने से इनकार करने का मामला सामने आया था। इस पर जिलाधिकारी ने सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए सभी तथ्यों पर 10 बिंदुओं की उच्च स्तरीय जांच समिति बिठाई थी। जिलाधिकारी बंसल ने स्पष्ट किया कि यदि पंजीकरण, गारंटी और अंडरटेकिंग प्रशासन की जिम्मेदारी है, तो दिव्यांग असहाय अनाथ बच्चों का शोषण और उनके अधिकारों का हनन किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने जोर देकर कहा, “मानव मूल्य सर्वोपरि हैं। सेवा के नाम पर पंजीकरण लेकर धन उगाही को कुतंत्र न बनाया जाए।” डीएम ने चेतावनी दी कि “जो एक दस्तखत इन संस्थाओं के संचालन और पालन हेतु करोड़ों का धन दिलवा सकता है, वही दस्तखत शर्तों का अनुपालन करवाने में भी सक्षम है।” उन्होंने संस्थाओं को याद दिलाया कि पंजीकरण और धनराशि सहायता की संस्तुति सिर्फ एक औपचारिकता नहीं है, बल्कि उस पर सैकड़ों दिव्यांग असहायों का जीवन निर्भर करता है। जिलाधिकारी ने साफ कर दिया कि जो नियम-कानून और नैतिकता से बाहर होंगे, उन पर प्रशासन जल्द ही कठोर कार्रवाई करेगा।

प्रशासन की त्वरित कार्रवाई और भविष्य की योजनाएं
जिलाधिकारी के संज्ञान में आते ही जिला प्रशासन ने बालिकाओं को स्थानांतरित करने की तैयारी तेज़ कर दी थी। इन बच्चियों को जिला प्रशासन के वाहनों से उनके नए आशियाने राफेल होम संस्था तक पहुंचाया गया, जहाँ संस्था द्वारा उनकी पढ़ाई और भोजन की व्यवस्था वहन की जाएगी। जिलाधिकारी ने अपनी कोर टीम – मुख्य विकास अधिकारी, जिला प्रोबेशन अधिकारी, और जिला समाज कल्याण अधिकारी – के प्रयासों की भी सराहना की।
उन्होंने यह भी कहा कि इस क्षेत्र में कार्यरत सभी संस्थाओं को जिला प्रशासन द्वारा हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी। उन्होंने संस्थाओं से अनुरोध किया कि वे पंजीकरण के समय दर्शाई गई सभी सुविधाओं, स्टाफ और सुविधाओं को हर समय बनाए रखें। जिला प्रशासन हर प्रकार के सहयोग के लिए सदैव तत्पर है।
बाल संरक्षण समिति की अध्यक्ष श्रीमती नमिता ममगईं ने जिलाधिकारी के इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि इससे जरूरतमंद बच्चों के जीवन को नई दिशा मिल रही है। उन्होंने जिलाधिकारी के असहाय दिव्यांगों, बुजुर्गों और महिलाओं के उत्थान हेतु किए जा रहे प्रयासों की भी प्रशंसा की।
जांच समिति को निर्धारित समयावधि में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के कड़े निर्देश दिए गए हैं, और मानकों का उल्लंघन पाए जाने पर संस्थाओं का पंजीकरण निरस्त कर दिया जाएगा। जिलाधिकारी ने समाज कल्याण अधिकारी और जिला प्रोबेशन अधिकारी को अपने अधिकारों को पहचानने और मानव कल्याण हेतु सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

इस दौरान बाल संरक्षण समिति की अध्यक्ष श्रीमती नमिता ममगईं, पीयो लाल राफेल होम, सदस्य नीता कांडपाल, जिला समाज कल्याण अधिकारी दीपांकर घिल्डियाल, जिला प्रोबेशन अधिकारी मीना बिष्ट सहित साईं आश्रम के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।