देहरादून, 11 जून 2025: देहरादून के जिलाधिकारी सविन बंसल के नेतृत्व में सरकारी स्कूलों को आधुनिक बनाने की दिशा में ‘प्रोजेक्ट उत्कर्ष’ तेजी से आगे बढ़ रहा है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना का उद्देश्य केवल नामकरण या प्रचार नहीं, बल्कि जिले के सरकारी स्कूलों को संसाधनों से समृद्ध कर बच्चों को निजी स्कूलों के बराबर लाना है। मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में, जिलाधिकारी का यह प्रयास देहरादून के सरकारी स्कूलों को आत्मनिर्भर और आत्मविश्वास से परिपूर्ण बना रहा है।
डिजिटल शिक्षा की ओर बड़ा कदम: 884 एलईडी टीवी का क्रय आदेश जारी
‘प्रोजेक्ट उत्कर्ष’ के तहत जिले के 168 माध्यमिक विद्यालयों के लिए 884 बड़े एलईडी टीवी के क्रय आदेश जारी कर दिए गए हैं। ये टीवी जैम पोर्टल पर बिड अपलोड होने के बाद शीघ्र ही स्कूलों में स्थापित किए जाएंगे, जिससे सरकारी स्कूलों के बच्चे डिजिटल कक्षाओं का लाभ उठा सकेंगे। इस पहल से पठन-पाठन की प्रक्रिया और भी आधुनिक व इंटरैक्टिव हो जाएगी।
6 करोड़ रुपये का फंड जुटाकर लक्ष्य की ओर अग्रसर जिलाधिकारी
जिलाधिकारी सविन बंसल ने इस परियोजना के लिए खनिज न्यास, जिला योजना और सीएसआर फंड से 6 करोड़ रुपये का फंड जुटाया है। यह वित्तीय सहयोग स्कूलों में आधुनिक सुविधाएं बढ़ाने के उनके लक्ष्य को तेजी से पूरा करने में मदद कर रहा है। ज्ञात हो कि जिलाधिकारी सविन बंसल ने नैनीताल और अल्मोड़ा में भी अपने कार्यकाल के दौरान इसी तर्ज पर सभी सरकारी स्कूलों को स्मार्ट बनाया था।

आधुनिक सुविधाओं से लैस हो रहे सरकारी स्कूल
‘प्रोजेक्ट उत्कर्ष’ के तहत सरकारी स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं के साथ-साथ कई नई सुविधाएं जोड़ी जा रही हैं। इनमें व्हाइट बोर्ड, प्रत्येक कक्षा में एलईडी लाइट्स, आउटडोर स्पोर्ट्स सुविधाएं, रसोईघर, बिजली आपूर्ति और लाइब्रेरी शामिल हैं। अब हर कक्षा कक्ष में टीवी स्थापित किए जाएंगे, जिससे शिक्षा का स्तर और भी बेहतर होगा।
ओएनजीसी और हुडको का सहयोग
इस परियोजना में ओएनजीसी और हुडको जैसी प्रतिष्ठित संस्थाएं भी सहयोग कर रही हैं। ओएनजीसी ने स्कूलों में फर्नीचर आदि की व्यवस्था की है, जबकि हुडको ने एलईडी स्क्रीन और एलईडी बल्ब जैसी सुविधाएं स्थापित करने में मदद की है। इनके सहयोग से सरकारी स्कूलों में संसाधन लगातार बढ़ रहे हैं, जिससे बच्चों को बेहतर शैक्षणिक माहौल मिल रहा है।
कौशल विकास और सर्वांगीण शिक्षा पर जोर
जिलाधिकारी की पहल पर अब प्रत्येक स्कूल में समाचार पत्र, पत्रिकाएं, शब्दकोश और महापुरुषों की जीवनियां अनिवार्य रूप से उपलब्ध होंगी। इसका उद्देश्य बच्चों को व्यावसायिक शिक्षा के साथ-साथ महापुरुषों के जीवन से परिचित कराना है। इसके अतिरिक्त, स्कूलों में मूलभूत सुविधाएं जैसे पानी, पेयजल, शौचालय, साफ-सफाई और गुणवत्तापूर्ण पौष्टिक भोजन सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए हैं। ‘प्रोजेक्ट उत्कर्ष’ के माध्यम से देहरादून के सरकारी स्कूल अब बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ खेल, मनोरंजन और कौशल विकास की शिक्षा प्रदान कर रहे हैं, जिससे वे देश और दुनिया से बेहतर ढंग से जुड़ पाएंगे।
