देहरादून, 23 जून 2025: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में सड़क हादसों में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है। यातायात पुलिस के ताजा आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2025 में जनवरी से मई तक सड़क हादसों में पिछले वर्ष की तुलना में 20 प्रतिशत की कमी आई है। इस कमी के पीछे ड्रंक एंड ड्राइव (शराब पीकर वाहन चलाना) और तेज रफ्तार जैसे प्रमुख कारणों पर पुलिस की सख्त कार्रवाई को मुख्य वजह बताया जा रहा है।पिछले वर्ष 11 नवंबर 2024 को देहरादून के ओएनजीसी चौक पर हुआ भीषण हादसा आज भी लोगों के जेहन में ताजा है। इस हादसे में छह युवक-युवतियों की जान चली गई थी और एक युवक गंभीर रूप से घायल हुआ था। इस घटना ने पुलिस प्रशासन को झकझोर कर रख दिया था। देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अजय सिंह ने दिसंबर 2024 में आयोजित क्राइम लिटरेचर फेस्टिवल में कहा था कि इस हादसे ने उन्हें रातभर सोने नहीं दिया। इसके बाद पुलिस ने सड़क हादसों के मूल कारणों पर प्रहार करने की ठोस रणनीति बनाई।
पुलिस की अनूठी पहल:
ड्रंक एंड ड्राइव रोकने के लिए बसों से गश्तपुलिस ने बार-क्लब संस्कृति और रात में शराब पीकर वाहन चलाने की बढ़ती प्रवृत्ति पर लगाम कसने के लिए रायपुर और प्रेमनगर थाना क्षेत्रों में विशेष बसों से गश्त शुरू की। थानाध्यक्ष अपनी टीम के साथ इन बसों में सड़कों पर निगरानी करते हैं और शराब पीकर वाहन चलाने वालों या सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीने वालों को पकड़कर थाने लाते हैं। इसके अलावा, राजपुर रोड पर रात में दो इंटरसेप्टर वाहन लगातार कार्रवाई कर रहे हैं।
सड़क हादसों का तुलनात्मक विवरण (जनवरी-मई)
वर्ष 2024 में जनवरी से मई तक देहरादून में 227 सड़क हादसे हुए, जिनमें 89 लोगों की मृत्यु हुई और 173 लोग घायल हुए। वहीं, वर्ष 2025 में इसी अवधि में 172 हादसे दर्ज किए गए, जिनमें 70 लोगों की जान गई और 126 लोग घायल हुए। मई माह की बात करें तो 2024 में 36 हादसों में 14 लोगों की मृत्यु और 31 लोग घायल हुए, जबकि 2025 में 27 हादसों में 9 मृत्यु और 20 लोग घायल हुए।
पुलिस कार्रवाई के तुलनात्मक आंकड़े(जनवरी-मई)
पुलिस की सख्ती का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 2025 में शराब पीकर वाहन चलाने के मामलों में 381 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 526 के मुकाबले 2535 चालान किए गए।
1).रैश ड्राइविंग के लिए 425 के मुकाबले 993 चालान (134% वृद्धि),
2).ओवरस्पीड के लिए 634 के मुकाबले 1240 चालान (95% वृद्धि),
3).बिना हेलमेट के 4416 के मुकाबले 8932 चालान (102% वृद्धि),
4).रेड लाइट जंप के लिए 177 के मुकाबले 875 चालान (394% वृद्धि),
5).नाबालिग चालकों के लिए 26 के मुकाबले 266 चालान (923% वृद्धि),
6).तीन सवारी के लिए 843 के मुकाबले 2370 चालान (181% वृद्धि) किए गए।
सख्ती का असर:
नियम तोड़ने वालों पर भारी कार्रवाईपुलिस ने सड़क हादसों के प्रमुख कारणों—शराब पीकर वाहन चलाना, तेज रफ्तार, रैश ड्राइविंग, और नाबालिगों द्वारा वाहन चलाना—पर विशेष ध्यान दिया। इन सख्त कदमों का नतीजा है कि सड़क हादसों का ग्राफ नीचे आया है।
एसएसपी अजय सिंह का बयान
एसएसपी अजय सिंह ने कहा, “सड़क हादसों के मुख्य कारण ड्रंक एंड ड्राइव और तेज रफ्तार हैं। इन्हें नियंत्रित करने के लिए रायपुर और प्रेमनगर में विशेष बसों से गश्त शुरू की गई है। राजपुर रोड पर रात में दो इंटरसेप्टर लगातार कार्रवाई कर रहे हैं। यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्ती से हादसों में कमी लाने में मदद मिली है।
”चुनौतियां और भविष्य की रणनीति”
हालांकि सड़क हादसों में कमी आई है, लेकिन रायपुर और प्रेमनगर जैसे क्षेत्रों में रात के समय ड्रंक एंड ड्राइव और रैश ड्राइविंग के मामले अभी भी चुनौती बने हुए हैं। पुलिस का कहना है कि जागरूकता अभियान और सख्त कार्रवाई को और तेज किया जाएगा ताकि सड़कों को और सुरक्षित बनाया जा सके।