बीजिंग,17 जून। इजरायल-ईरान में तबाही जारी है. इस बीच चीन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर ईरान-इजरायल युद्ध में तेल डालने का आरोप लगाते हुए अपने नागरिकों से जल्द से जल्द इजरायल छोड़ने को कहा है.
वहीं युद्ध के 5वें दिन ईरान और इजरायल ने एक दूसरे पर जोरदार हमले किए हैं. इससे पहले अमेरिका ने भी ईरान से अपने नागरिकों को बाहर निकलने की सलाह दी है. इस तरह से ये लग रहा है कि आने वाले दिनों में कुछ गलत होने वाला है.
इजरायल और ईरान के बीच लगातार हो रहे हमलों के बाद इजरायल में चीन के दूतावास ने मंगलवार को अपने नागरिकों से जितनी जल्दी हो सके देश छोड़ने को कहा है. चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने दूतावास के हवाले से खबर दी है कि इजरायल से सटी जार्डन और मिस्र की सीमाएं खुली रहेंगी. इन रास्तों ने अपने नागरिकों को वहां से निकलने की सलाह दी है.
इजरायल में चीनी दूतावास ने अपने सोशल साइट वीचैट पर एक बयान में कहा, इजरायल में चीनी मिशन, चीनी नागरिकों को भूमि सीमा पार करके जल्द से जल्द देश छोड़ने की याद दिलाता है. इस शर्त पर कि वे अपनी व्यक्तिगत सुरक्षा की गारंटी दे सकते हैं. इसमें कहा गया, जॉर्डन की दिशा में प्रस्थान करने की सिफारिश की जाती है.
गौर करें तो लंबे समय से चले आ रहे इस युद्ध के बाद, बीते हफ़्ते इजरायल ने ईरान के ठिकानों पर अचानक हवाई हमला किया. हमले के बाद इजरायल ने कहा कि उनका उद्देश्य अपने कट्टर दुश्मन ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने से रोकना है.
गौर करें तो दोनों देशों में बढ़ती शत्रुता को लेकर संघर्ष की आशंकाओं ने जन्म लिया है. इसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजराइल के हमलों के बाद चल रही परमाणु वार्ता को पटरी से उतारने के बाद ईरान से बातचीत की मेज पर वापस आने का आग्रह किया है.
वहीं बीजिंग के दूतावास ने मंगलवार को कहा कि संघर्ष बढ़ता जा रहा है. इसमें कहा गया है, नागरिक बुनियादी ढांचे को बहुत नुकसान पहुंचा है. नागरिक हताहतों की संख्या बढ़ रही है. और सुरक्षा स्थिति और भी गंभीर होती जा रही है.
उधर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरानियों से तेहरान खाली करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि ईरान सरकार ने परमाणु हथियारों के विकास पर रोक लगाने के लिए एक समझौते को अस्वीकार कर दिया है. जबकि मंगलवार को लगातार पांचवें दिन इजरायल और ईरान ने एक-दूसरे पर हमला किया.
उधर कनाडा में ग्रुप ऑफ सेवन शिखर सम्मेलन में बैठक करने वाले विश्व नेताओं ने क्षेत्रीय दुश्मनों के बीच अब तक के सबसे खराब संघर्ष को कम करने का आह्वान किया है. उन्होंने कहा कि ईरान अस्थिरता का स्रोत है और उसके पास कभी भी परमाणु हथियार नहीं होना चाहिए, जबकि इजरायल के खुद की रक्षा करने के अधिकार की पुष्टि की.