देहरादून/खलंगा, 22 जून 2025। वन भूमि पर बढ़ते अतिक्रमण और दुर्लभ पेड़ों की अवैध कटाई के खिलाफ एक प्रभावशाली और शिक्षाप्रद उदाहरण पेश करते हुए युवा इंटक उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष पंकज सिंह क्षेत्री के नेतृत्व में युवा इंटक उत्तराखंड ने खलंगा नालापानी क्षेत्र में नए 22 पौधे रोपकर प्रकृति के प्रति अपना नैतिक उत्तरदायित्व निभाया। यह प्रतीकात्मक वृक्षारोपण हाल ही में हुई उस शर्मनाक घटना के विरोध में किया गया, जिसमें 22 साल पुराने साल वृक्षों को भू-माफियाओं ने काटकर वन भूमि पर अवैध कब्जा कर लिया था।
इस पर्यावरणीय अपराध की पुष्टि स्वयं प्रभागीय वन अधिकारी ने की है, जिससे शासन-प्रशासन की निष्क्रियता और मिलीभगत पर सवाल खड़े हो गए हैं। युवा इंटक उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष पंकज सिंह क्षेत्री ने इस अवसर पर तीखा प्रहार करते हुए कहा—
“बिना राजनीतिक संरक्षण और सरकारी समर्थन के, कोई भी माफिया साल वृक्ष जैसे संरक्षित पेड़ काटने का साहस नहीं कर सकता।”

कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमती सुजाता पॉल ने भी स्पष्ट आरोप लगाया कि
“जनता के विरोध को शांत करने के लिए दिखावे के बोर्ड लगाए जा रहे हैं, असली कोशिश पर्यावरण आंदोलन को कमज़ोर करने की है।”
प्रदेश प्रवक्ता डॉ. प्रतिमा सिंह ने इस मौके पर संकल्प लिया कि
“अब हर गांव-हर मोहल्ले तक जाकर जल, जंगल और जमीन की रक्षा के लिए जनजागरण अभियान चलाया जाएगा।”
इस विरोध कार्यक्रम को केवल राजनीतिक आयोजन न मानते हुए कई पर्यावरण प्रेमियों ने भी इसे एक सामाजिक आंदोलन का रूप देने की बात कही।
दीपशिखा रावत ने कहा,
“प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा केवल सरकार की नहीं, हर नागरिक की जिम्मेदारी है।”
रविंद्र सिंह गोसाईं ने जोड़ा,
“जब तक जनता नहीं जागेगी, प्रकृति लुटती रहेगी।”
प्रदीप देशवाल ने भावुक होकर कहा,
“हम प्रकृति के कर्ज़दार हैं, हमें उसे अगली पीढ़ी के लिए संजोकर रखना होगा।”

कार्यक्रम में पंकज सिंह क्षेत्री, सुजाता पॉल, डॉ. प्रतिमा सिंह, दीपशिखा रावत, प्रदीप देशवाल, रविंद्र सिंह गोसाईं, विनोद चौहान, आयुष राणा, कुणाल कुमार, सिद्धांत रावत, अभिषेक राजोरिया सहित बड़ी संख्या में पर्यावरण प्रेमियों, स्थानीय नागरिकों और कार्यकर्ताओं ने सहभागिता की और वन भूमि की रक्षा का सामूहिक संकल्प लिया।
यह आयोजन केवल एक विरोध नहीं था—यह उस नींव की शुरुआत थी, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए एक हरित, सुरक्षित और न्यायपूर्ण भविष्य की गारंटी बनेगी।