बांग्लादेश देश के मुखिया मोहम्मद यूनिस भी चाइना से मिलकर पूर्वोत्तर भारत में साजिशे रच रहे हैं।

अजय दीक्षित
मोहम्मद यूनिस ने हाल ही में चाइना में कहा कि चिकन नेक भारत की दुखती रग है।ये बात उन्होंने ऐसे समय पर कही है जब भारत और बांग्लादेश के संबंधों में निर्वासित शेख हसीना की भारत में उपस्थिति को लेकर तल्खी आयी है। उल्लेखनीय है कि बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अगस्त 2025 से भारत में शरण ले रखी है। और बांग्लादेश पर मुस्लिम कट्टर पंथियों जमायते इस्लामी संगठन का कब्जा है। भारत एक ऐसा देश है कि जो अपने पड़ोसियों देशों से परेशान हैं क्योंकि अभी हाल ही में पाकिस्तान के साथ पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद तीन दिनों का युद्ध भी हुआ। बांग्लादेश में भारत विरोधी सरकार है।पूर्व में ही एक अन्य देश म्यांमार में सैनिक शासन है और वहां ग्रह युद्ध चल रहा है।ऑर्गन आर्मी ने तीस प्रतिशत उस भूभाग पर कब्जा कर लिया जहां से कार्दन कोरिडोर गुजर रहा है जिसे भारत चिकन नेक के वैकल्पिक मार्ग के रूप में विकसित कर रहा है ताकि जरूरत पड़ने पर पश्चिमी बंगाल के जलपाईगुड़ी और गोहाटी की दूरी भी कम हो सके और दूसरा रास्ता भी मिल जाय।क्योंकि इस मुर्गे की गर्दन पर बांग्लादेश की ब्लैक मेलिंग पूर्वी पाकिस्तान के समय से चल रही है और चाइना की नजर हमेशा अरुणाचल प्रदेश और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों पर बनी रहती है।
जब शेख हसीना सरकार बांग्लादेश में थी तब भारत आराम दायक स्थिति में था लेकिन मुस्लिम कट्टर पंथियों की जमायत इस्लामी सरकार ऐसा लगता है कि 1971 से पहले की स्थिति को बांग्लादेशी आवाम को भूलने का अभियान चला रही है और चाइना पूरी तैयारी के साथ पाकिस्तान और बांग्लादेश को हवा दे रहा हैं।
चाइना भारत के बहुआयामी कोरिडोर जो म्यांमार से त्रिपुरा तक जमीनी रास्ते से जाएगा उसमें भी अड़ंगा डाल रहा है यद्यपि आर्गन आर्मी ने यह हिस्सा अपने कब्जे में लिया है मगर चाइना म्यांमार की सैनिक शासन की मदद कर रहा है वहां गृह युद्ध चल रहा है।
          बांग्लादेश के सलाहकार मोहम्मद यूनिस ने चाइना बीजिंग में प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि चिकन नेक कमजोर कड़ी है।दरअसल पश्चिमी बंगाल के जलपाईगुड़ी से असम, मेघालय मिजोरम, नागालैंड त्रिपुरा, मणिपुर,जाने का बीस किलोमीटर चौड़ा और 1800 किलोमीटर रास्ता भारत भूमि है और ये आजादी के समय ब्रिटिश ने गजट नोटिफाइड की थी ।बाकी हिस्सा
पा किस्तान को चला गया जो बंगाल की खाड़ी तक जाते हैं। भारत ने 2010 में कार्डन से होता हुआ समुद्र के रास्ते पिखलुआ तक फोर लेन रोड म्यांमार से सूकी के शासन में अनुबंधित किया था 2025 तक इरकॉन को इसे बनाना था मगर सैनिक बलों ने सूकी को जेल में डाल दिया। तख्ता पलटकर फौज शासन में आ गई।तो पूरी परियोजना को नए सिरे से अप्रैल 2025 में फिर शुरू किया मगर जिस ज़मीन पर यह त्रिपुरा तक जानी है उस पर अब म्यांमार के विद्रोही गुटों का कब्जा है जिन्हें अमेरिका से मदद मिली हुई है।
म्यांमार 1937 से पूर्व भारत का हिस्सा था इसे वर्मा कहते थे और भारत के लोग यहां तक कि उत्तर प्रदेश के लोग तत्कालीन वर्मा देश में व्यवसाय भी करते थे लेकिन कालांतर में ब्रिटिश ने इस हिस्से को वहां रहने वाली जनजाति के कारण भारत से अलग राष्ट्र बना दिया।सूकी के पिता यहां के प्रथम प्रधानमंत्री बने थे सूकी दिल्ली में पड़ी है और अच्छी हिंदी भाषा बोली और लिख देती हैं।
मोहम्मद यूनिस इन दिनों भारत के खिलाफ अभियान चला रहे क्योंकि वह काफी अरसे से अमेरिका में रह कर भारत का विरोध इस आधार पर करते थे क्योंकि शेख हसीना सरकार भारत के हित को ध्यान रखती थी।
हालांकि वे चाइना से भी संबंध रखते थे परंतु भारत की अनदेखी नहीं करती थीं।
लेकिन अगस्त 2024 से बांग्लादेश और भारत के संबंध पहले जैसे नहीं रहे।

( Lekh Mein vyakt lekhak ke Niji vichar Hain )

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