हरियाणा की राजमिस्त्री की बेटी पूजा का कमाल

0-एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में ऊंची कूद में जीता गोल्ड मेडल
नई दिल्ली, 31 मई। दक्षिण कोरिया के गुमी में एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 का चौथा दिन भारतीय महिला एथलीटों के लिए एक उल्लेखनीय दिन रहा, जिन्होंने 2 स्वर्ण पदक और 1 रजत पदक जीता. कुल मिलाकर, भारतीय एथलीटों ने 4 स्पर्धाओं में पोडियम फिनिश हासिल की और अपने प्रदर्शन से 4 अविश्वसनीय कहानियां लिखीं. लेकिन, इसमें सबसे प्रेरणादायक कहानी पूजा की रही है, जिन्होंने काफी संघर्षों का सामना करते हुए गोल्ड मेडल अपने नाम किया.
18 वर्षीय पूजा ने महिलाओं की ऊंची कूद में 1.89 मीटर की छलांग लगाकर देश के लिए स्वर्ण पदक जीता, जो 2000 में बॉबी एलॉयसियस की जीत के बाद से पहला स्वर्ण पदक है. युवा खिलाड़ी ने अपना खुद का अंडर-20 राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ा, लेकिन 2012 में सहाना कुमारी द्वारा बनाए गए 1.92 मीटर के सीनियर राष्ट्रीय रिकॉर्ड को तोड़ने से चूक गईं.
2007 में हरियाणा के फतेहाबाद जिले के बोस्ती गांव में जन्मीं पूजा की कहानी काफी प्रेरणादायक है. राजमिस्त्री हंसराज की बेटी पूजा की शुरुआती ट्रेनिंग सुविधाएं बहुत साधारण थीं. पूजा ने बांस के डंडों और पराली से भरी बोरियों से बने लैंडिंग एरिया का उपयोग करके कूदना सीखा. यहां से लेकर रिकॉर्ड बुक तक, पूजा ने एक ऐसी जगह से अपना नाम बनाया, जहां सपने साधारण होते हैं और ऊंची कूद कभी लिस्ट में नहीं आती. लेकिन, पूजा ने अपने दृढ़ संकल्प से अपने सपने को पूरा किया.
संघर्ष एक खिलाड़ी की यात्रा का अभिन्न अंग है और पूजा के लिए यह प्रतियोगिता के पहले दिन खत्म नहीं हुआ. अभ्यास के दौरान उनके स्पाइक्स फट गए, लेकिन इससे वे नहीं रुकीं. उन्होंने उन्हें पट्टियों से लपेटा और उन्हें एक साथ जोड़कर इतिहास रच दिया और सबसे कम उम्र की एशियाई चैंपियन बन गईं.
एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप के चौथे दिन, शुक्रवार को भारत के लंबी दूरी के धावक गुलवीर सिंह (5000 मीटर), पूजा (ऊंची कूद) और नंदिनी अगासरा (हेप्टाथलॉन) ने अपने-अपने इवेंट में स्वर्ण पदक जीते. साथ ही, पारुल चौधरी ने 3000 मीटर स्टीपलचेज का राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ा.

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