देहरादून, 13 जून, 2025: देहरादून में भू-कानून का उल्लंघन कर प्रदेश से बाहर के व्यक्तियों द्वारा अवैध रूप से खरीदी गई या अनुमति लेकर भी अनुचित उपयोग की जा रही भूमि पर जिला प्रशासन ने ऐतिहासिक कार्रवाई की है। मुख्यमंत्री के निर्देशों पर जिलाधिकारी सविन बंसल के नेतृत्व में प्रशासन ने ‘भू-कपट दुस्साहस और भ्रष्टता’ को धराशायी करते हुए लगभग 900 बीघा भूमि को सरकार में निहित कर अपना परचम लहराया है। प्रशासन ने साफ कर दिया है कि राज्य की भूमि का उपयोग केवल जन समृद्धि के लिए ही होगा।
अवैध कब्जों पर जिला प्रशासन फ्रंटफुट पर
जिलाधिकारी सविन बंसल ने आज ऋषिपर्णा सभागार में उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम की धारा 154, 4(3) क, ख और बिना अनुमति के 250 वर्ग मीटर से अधिक भूमि क्रय के उल्लंघन के प्रकरणों में गतिमान धारा 166/167 की कार्यवाही की समीक्षा की। उन्होंने समस्त उप जिलाधिकारियों और तहसीलदारों को निर्देशित किया कि नियमों का उल्लंघन कर होमस्टे या फार्म हाउस जैसे ऐशोआराम के लिए उपयोग की जा रही भूमि को चिन्हित कर त्वरित कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि यह न केवल उत्तराखंड के नागरिकों को भूमि से वंचित कर रहा है, बल्कि भूमि के दाम भी आसमान छू रहे हैं।

तेज हुई कानूनी प्रक्रिया, 15 जुलाई तक लक्ष्य निर्धारित
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि लगभग 260 प्रकरणों पर कार्रवाई करते हुए 900 बीघा भूमि पहले ही राज्य सरकार में निहित की जा चुकी है। शेष बची लगभग 75 से 80 प्रकरणों में 200 बीघा भूमि पर आगामी 30 दिनों के भीतर सुनवाई पूरी कर निस्तारण का लक्ष्य रखा गया है। जिलाधिकारी ने कोर्ट कार्य को भी फास्ट ट्रैक करने के निर्देश दिए हैं ताकि समन तामिली में समय बर्बाद न हो और समाचार पत्रों में विज्ञप्ति प्रकाशित कर त्वरित कार्यवाही की जा सके। उन्होंने जोर देकर कहा कि पर्याप्त सुनवाई का अवसर दिए जाने के बाद अंतिम आदेश रोकने का कोई अवसर नहीं होगा।
जनसंपत्ति का अभिरक्षक है प्रशासन
जिलाधिकारी बंसल ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि धारा 166/167 के वादों का त्वरित निस्तारण करें और इन्हें लंबित न रखें। उन्होंने पटवारी की रिपोर्ट सीधे न भेजने, बल्कि एसडीएम/तहसीलदार की संस्तुति के साथ भेजने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने यह भी चेतावनी दी कि सरकारी कार्य में बाधा डालने वाले किसी भी अधिकारी या कार्मिक के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्रशासन जनसंपत्ति का अभिरक्षक है और मुख्यमंत्री के संकल्प को धरातल पर उतारने के लिए प्रतिबद्ध है कि राज्य संपत्ति का उपयोग राज्य की समृद्धि के लिए हो।
राजस्व वसूली पर भी जोर
बैठक में राजस्व वसूली पर भी चर्चा की गई और जिलाधिकारी ने समस्त उप जिलाधिकारियों और तहसीलदारों को अपनी-अपनी तहसील के 10 बड़े बकायेदारों से वसूली की कार्यवाही करने के निर्देश दिए। उन्होंने पीएम किसान योजना के अंतर्गत अंश निर्धारण के निर्देश भी दिए।
इस बैठक में अपर जिलाधिकारी प्रशासन जयभारत सिंह, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व के.के. मिश्रा, उप जिलाधिकारी सदर हरिगिरि, डोईवाला अपर्णा ढौंडियाल, मुख्यालय अपूर्वा सिंह, उप जिलाधिकारी विकासनगर विनोद कुमार, उप जिलाधिकारी न्याय कुमकुम जोशी, तहसीलदार सदर सुरेन्द्र देव, तहसीलदार चमन सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। उप जिलाधिकारी ऋषिकेश योगेश मेहर, तहसीलदार चकराता/त्यूनी सुशीला कोठियाल वर्चुअल माध्यम से जुड़े रहे।