नशे से लड़ता उत्तराखंड, बचपन की सुरक्षा पर ज़ोर

बाल आयोग की अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक, सभी विभागों से समन्वय की अपील

देहरादून, 26 जून 2025।
अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस के अवसर पर उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा एक महत्त्वपूर्ण विभागीय समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। आयोग की अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना की अध्यक्षता में आईसीडीएस सभागार में आयोजित इस बैठक में बच्चों में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति की रोकथाम, उपचार एवं पुनर्वास के लिए संयुक्त कार्ययोजना (Joint Action Plan) की गहन समीक्षा की गई।

बच्चों में बढ़ते नशे की लत पर चिंतन

बैठक में आयोग के सचिव डॉ. शिव कुमार बरनवाल ने बाल आयोग द्वारा अब तक किए गए प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए सभी विभागों से अपने-अपने स्तर पर की गई कार्यवाही साझा करने का आह्वान किया।

राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण के संयुक्त निदेशक डॉ. एस.डी. बर्मन ने बताया कि उत्तराखंड देश के उन अग्रणी राज्यों में शामिल होने जा रहा है जहां जल्द ही ई-मानस पोर्टल लांच होगा। साथ ही टेली-मानस टोल फ्री नंबर 14416 का प्रचार-प्रसार किए जाने की आवश्यकता बताई गई। उन्होंने यह भी बताया कि नशा करने वाले किशोरों में से केवल 5% ही इलाज की तलाश करते हैं, जो चिंताजनक है।

सभी विभागों ने साझा किया अपना दृष्टिकोण

बैठक में एनएचएम, समाज कल्याण, शिक्षा, महिला कल्याण, खाद्य सुरक्षा, औषधि नियंत्रण, नारकोटिक कंट्रोल ब्यूरो सहित विभिन्न विभागों एवं एनजीओ प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

  • शिक्षा विभाग को निर्देशित किया गया कि सभी स्कूलों में नशा मुक्ति पहरी क्लब सक्रिय रूप से संचालित किए जाएं।
  • आबकारी विभाग को कहा गया कि स्कूलों के पास शराब की दुकानें अनुमति नहीं दी जाएं।
  • महिला एवं समाज कल्याण विभाग ने पुनर्वास योजनाएं साझा कीं।
  • स्वास्थ्य विभाग ने किशोरों के लिए नशा मुक्ति रणनीति पर प्रकाश डाला

जिलों से ऑनलाइन सहभागिता

प्रदेश भर के जिलों ने ऑनलाइन माध्यम से जुड़कर अपने-अपने क्षेत्रों में की जा रही गतिविधियों और आ रही चुनौतियों की जानकारी दी। इस पर आयोग अध्यक्ष ने सभी जिलों को लिखित रूप में रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

आयोग अध्यक्ष के निर्देश और सराहना

डॉ. गीता खन्ना ने सभी विभागों के प्रयासों की सराहना करते हुए समन्वित दृष्टिकोण अपनाकर संयुक्त कार्ययोजना को और प्रभावी बनाने पर बल दिया। साथ ही निर्देश दिया कि सभी टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर —
📞 1098 (चाइल्ड हेल्पलाइन)
📞 14416 (टेली-मानस)
📞 1930 (साइबर अपराध)
📞 1933 (नारकोटिक मानस)
— को विद्यालयों, सार्वजनिक स्थानों और भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में अनिवार्य रूप से प्रदर्शित किया जाए।

बैठक में ये अधिकारी रहे मौजूद

बैठक में एसडीएम हर गिरि, एसीएमओ डॉ. दिनेश चौहान, एडीसी फूड सेफ्टी डॉ. सुधीर कुमार, समाज कल्याण विभाग की हेमलता पांडे, महिला सशक्तिकरण विभाग के उदय प्रताप सिंह, आबकारी अधिकारी के.पी. सिंह, महिला कल्याण अधिकारी अंजना गुप्ता, डीपीओ मीना बिष्ट, ट्रांसपोर्ट टैक्स अधिकारी प्रज्ञा पंत, नारकोटिक कंट्रोल ब्यूरो के विरेंद्र सिंह, बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष नमिता ममगाईं सहित कई वरिष्ठ अधिकारी व प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

“समन्वय और संवेदनशीलता ही हैं समाधान की कुंजी” — बाल आयोग का संदेश

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