लखनऊ 24 जून (आरएनएस )। भाजपा सरकार पर हिंदू धर्म और आस्था से जुड़े प्राचीन स्थलों को व्यवस्थित ढंग से नष्ट करने का आरोप लगाते हुए उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने आज प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता में तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाजपा ‘हिंदुत्वÓ के नाम पर सत्ता में आई थी लेकिन उसी के नाम पर हिंदू आस्था के केंद्रों के साथ खिलवाड़ कर रही है।अजय राय ने कहा कि “दुनिया के तमाम प्राचीन शहरों ने अपने मूल स्वरूप को सहेज कर रखा है—चाहे वह मिस्र हो या वेनिस—लेकिन भाजपा सरकार पुराने धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों को तोड़ने पर आमादा है। उन्होंने कहा कि पहले काशी के मूल स्वरूप को तहस-नहस किया गया, सैकड़ों शिवलिंग तोड़े गए, मंदिरों और वटवृक्ष को उजाड़ा गया। फिर अधूरे राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की गई और अब दोबारा प्राण प्रतिष्ठा की जा रही है, जो धार्मिक परंपराओं के खिलाफ है।उन्होंने चेतावनी दी कि सरकार की नजर अब मां विंध्यवासिनी मंदिर के बाद वृंदावन की गलियों पर है। भाजपा सरकार आस्था के स्थानों को पर्यटन केंद्र और पिकनिक स्पॉट में तब्दील कर रही है, जो सीधे-सीधे हमारी संस्कृति पर हमला है। प्रेस वार्ता में वृंदावन के जाने-माने तीर्थ पुरोहित और चारों वेदों के ज्ञाता सोहनलाल मिश्र भी मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि जो अत्याचार औरंगजेब नहीं कर सका, वो आज योगी सरकार कर रही है। बांके बिहारी मंदिर से जुड़े 285 परिवारों के घर और छोटे मंदिर तोड़े जा रहे हैं। प्रशासन और पुलिस धमका रही है। सोहनलाल मिश्र ने सवाल उठाया कि अगर हम सरकार को चार गुना कीमत देने को तैयार हैं, तो क्या योगी जी गोरक्ष पीठ हमें दे देंगे? वृंदावन से आए सामाजिक कार्यकर्ता दीपक पराशर ने कहा कि सरकार वास्तव में व्यवस्था बनाना नहीं चाहती, बल्कि वृंदावन का मूल स्वरूप बिगाड़ना चाहती है। गालियों वाली गलियां ही वृंदावन की पहचान हैं। मंदिर के पास 1000 मीटर से ज्यादा खाली ज़मीन है, उसी में व्यवस्था बनाई जा सकती है। लेकिन सरकार सुगम दर्शन, पीने का पानी और शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं दे पा रही और 150 मंदिर तोड़ने की तैयारी कर रही है। प्रेस वार्ता में उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी मीडिया विभाग के चेयरमैन डॉ. सी.पी. राय, वाइस चेयरमैन मनीष श्रीवास्तव हिंदवी, प्रदेश प्रवक्ता सचिन रावत और डॉ. सुधा मिश्रा भी प्रमुख रूप से मौजूद रहे।कांग्रेस ने ऐलान किया है कि वह वृंदावन के तीर्थ पुरोहितों और आम श्रद्धालुओं के साथ खड़ी है और आस्था से जुड़े स्थलों की रक्षा के लिए सड़कों पर उतरने से भी पीछे नहीं हटेगी।