लंदन,22 जून। अमेरिका की ओर से रविवार तड़के ईरान के 3 परमाणु ठिकानों पर किए गए हमले पर अब वैश्विक प्रतिक्रियाएं आना शुरू हो गई है। यूनाइटेड किंगडम (यूके) और यूरोपियन यूनियन ने अमेरिकी कार्रवाई को सही ठहराते हुए ईरान से बातचीत के जरिए समाधान निकालने की अपील की है। दूसरी ओर पाकिस्तान ने इस हमले की निंदा करते हुए इसे अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन करार दिया है और ईरान के पास अपनी रक्षा का अधिकार होने की बात कही है।
यूके के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने कहा, ईरान का परमाणु कार्यक्रम अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। ईरान को कभी भी परमाणु हथियार बनाने की अनुमति नहीं दी जा सकती और अमेरिका ने इस खतरे को कम करने के लिए यह कदम उठाया है। मध्य पूर्व में स्थिति अभी भी संवेदनशील है और उस क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखना ही प्राथमिकता है। उन्होंने कहा, इस संकट को खत्म करने के लिए ईरान को कूटनीतिक समाधान निकालना चाहिए।
यूरोपीय सघ ने भी अमेरिका के हमले को सही ठहराते हुए कहा कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा हो सकता है। ईरान को इसकी अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। बाचतीत से ही समाधान संभव है।
इस पूरे मामले पर ऑस्ट्रेलिया के एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि ईरान का परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम अंतरराष्ट्रीय शांति व सुरक्षा के लिए खतरा है। वह अमेरिकी राष्ट्रपति का समर्थन करते हैं कि अब शांति का समय आ गया है। इजरायल-ईरान संघर्ष को कूटनीतिक रूप से समाधान खोजने की जरूरत है। न्यूजीलैंड के विदेश मंत्री विंस्टन पीटर्स ने कहा कि कूटनीति ही सैन्य कार्रवाई की तुलना में अधिक स्थायी समाधान प्रदान करेगी।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक्स पर हमले की निंदा करते हुए लिखा, अमेरिका का ईरान पर हमला अंतरराष्ट्रीय कानून के सभी मानदंडों का उल्लंघन करता है। संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत ईरान को अपनी रक्षा करने का पूरा अधिकार है। मंत्रालय ने आगे लिखा, ईरान के खिलाफ जारी आक्रामकता के कारण तनाव और हिंसा में अभूतपूर्व वृद्धि बेहद परेशान करने वाली है। तनाव में और वृद्धि से क्षेत्र और उससे आगे के लिए गंभीर रूप से हानिकारक परिणाम होंगे।
चीन के सरकारी मीडिया ने हमले की निंदा करते हुए कहा कि अमेरिका पिछली रणनीतिक गलतियों को दोहरा सकता है। ये युद्ध खतरनाक मोड़ पर आ गया है। इतिहास ने बार-बार दिखाया है कि पश्चिम एशिया में सैन्य हस्तक्षेप के अक्सर अनपेक्षित परिणाम होते हैं, जिसमें लंबे समय तक संघर्ष और क्षेत्रीय अस्थिरता जारी रहना शामिल है। इसी तरह ओमान ने इस हमले की निंदा करते हुए इसे पूरी तरह गलत ठहराया और तनाव कम करने का आह्वान किया है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमलों को चिंताजनक बताते हुए एक्स पर लिखा, इस बात का जोखिम है कि यह संघर्ष तेजी से नियंत्रण से बाहर हो सकता है जिसके नागरिकों, क्षेत्र और दुनिया के लिए विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं। उन्होंने लिखा, मैं सदस्य देशों से तनाव कम कराने की अपील करता हूं। इसका कोई सैन्य समाधान नहीं है। कूटनीति ही कोई हल निकाल सकती है।
अमेरिका ने ईरान और इजरायल संघर्ष में कूदते हुए ईरान के 3 परमाणु ठिकानों पर हमला कर दिया। इन ठिकानों में नतांज, फोर्दो और इस्फहान शामिल है। हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि हमलों से तीनों परमाणु सुविधाओं बर्बाद हो गई हैं। अब ईरान को शांति कायम करनी चाहिए। अगर वह ऐसा नहीं करता है, तो उस पर और बड़े हमले किए जाएंगे। इधर, ईरान ने हमले में मामूली नुकसान की बात कही है।