नई दिल्ली,18 जून (आरएनएस)। विमानन नियामक डीजीसीए ने कहा कि एअर इंडिया के बोइंग 787 विमानों की हाल ही में की गई जांच में कोई बड़ी सुरक्षा खामी सामने नहीं आई है. यह जांच 12 जून की दोपहर अहमदाबाद से लंदन जा रहे बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान के क्रैश होने के बाद की गई.
विमान हादसे के बाद सुरक्षा के मद्देनजर एअर इंडिया ने 12 जून से 17 जून के बीच बोइंग 787 विमानों से संचालित होने वाली 66 उड़ानें रद्द कर दी थीं, जिससे चिंता बढ़ गई थी.
डीजीसीए ने एक बयान में कहा, एअर इंडिया के बोइंग 787 बेड़े पर हाल ही में की गई जांच में कोई बड़ी सुरक्षा चिंता सामने नहीं आई. विमान और संबंधित रखरखाव प्रणालियां मौजूदा सुरक्षा मानकों के अनुरूप पाई गईं.
हालांकि, डीजीसीए ने एअर इंडिया में रखरखाव से संबंधित मुद्दों पर चिंता जताई और एयरलाइन को अपने विभागों के बीच समन्वय बढ़ाने का निर्देश दिया.
डीजीसीए ने खुलासा किया कि 12 जून से 17 जून के बीच, एअर इंडिया ने 66 उड़ानें रद्द कर दीं, जिन्हें बोइंग 787 विमानों का उपयोग करके संचालित किया जाना था. इस अवधि के दौरान, एयरलाइन ने बी787 के साथ 248 उड़ानें संचालित कीं.
रखरखाव से संबंधित मुद्दों को हल करने के लिए, डीजीसीए ने टाटा समूह के स्वामित्व वाली एयरलाइनों को कुछ निर्देश जारी किए हैं. बयान में कहा गया है, एयरलाइन को इंजीनियरिंग, संचालन, ग्राउंड हैंडलिंग इकाइयों में आंतरिक समन्वय को मजबूत करने और ऐसे मुद्दों के कारण उड़ानों की देरी को कम करने के लिए पर्याप्त पुर्जों की उपलब्धता सुनिश्चित करने और नियमों का सख्ती से पालन करने की सलाह दी गई है.
रिपोर्ट के अनुसार, डीजीसीए ने परिचालन और सुरक्षा संबंधी विभागों को समय पर अपडेट प्राप्त करने के लिए अधिक व्यवस्थित और रीयल टाइम दोष रिपोर्टिंग तंत्र के कार्यान्वयन की भी सिफारिश की है. इससे निर्णय लेने में सुधार और डाउनस्ट्रीम व्यवधानों को कम करने की उम्मीद है.
एअर इंडिया वर्तमान में 33 बोइंग 787-8 और 787-9 विमानों का परिचालन करती है; और कुल मिलाकर, एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस प्रतिदिन 1000 से अधिक उड़ानें संचालित करती हैं.
अहमदाबाद में विमान दुर्घटना के बाद डीजीसीए ने 787 विमानों की जांच का आदेश दिया था. मंगलवार को डीजीसीए ने एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की.