नई दिल्ली,17 जून। यूपीआई ट्रांजेक्शन और तेज हो गए हैं. नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने अब आदेश दिया है कि यूपीआई पेमेंट के लिए एड्रेस वेरिफिकेशन 10 सेकंड के भीतर पूरा हो जाना चाहिए. यूपीआई एक रियल-टाइम पेमेंट सिस्टम है जिसे एनपीसीआई ने मोबाइल फोन के जरिए इंटर-बैंक ट्रांजेक्शन को आसान बनाने के लिए विकसित किया है.
एनपीसीआई की ओर से जारी सर्कुलर के मुताबिक, मनी ट्रांसफर, स्टेटस चेक, रिवर्सल समेत सभी ट्रांजेक्शन अब 10 से 15 सेकंड में पूरे हो जाएंगे. पहले यह समय 30 सेकंड था. सोमवार से लागू हो गया है. यानी अब यूपीआई पेमेंट करते समय एड्रेस वेरिफिकेशन सिर्फ 10 सेकंड में हो जाएगा. पहले यह समय 15 सेकंड था. एनपीसीआई ने बताया कि ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाने के उद्देश्य से ये बदलाव लाए गए हैं.
एनपीसीआई के एक अन्य सर्कुलर के मुताबिक, जल्द ही यूपीआई अकाउंट में बैलेंस चेक करने की सीमा तय की जाएगी. फिलहाल ग्राहक अपने अकाउंट में जितनी बार चाहें, बैलेंस चेक कर सकते हैं. लेकिन जल्द ही यह सीमा दिन में केवल 50 बार चेक करने की होगी. ऐसा लगता है कि ऐसा यूपीआई सिस्टम की दक्षता बढ़ाने के उद्देश्य से किया जा रहा है.
मई में यूपीआई के माध्यम से किए गए लेनदेन की संख्या 33 फीसदी बढ़कर 1,868 करोड़ रुपये हो गई, जबकि कुल मूल्य 23 फीसदी बढ़कर 25.14 लाख करोड़ रुपये हो गया. इसलिए यह सुनिश्चित करने के लिए कि यूपीआई लेनदेन में कोई समस्या न हो और उपभोक्ताओं में यह विश्वास पैदा हो कि पैसा सही लाभार्थी को भेजा जा रहा है, एनपीसीआई ने आदेश दिया है कि केवल अंतिम लाभार्थी का नाम ही प्रदर्शित किया जाए.
इसके अलावा एनपीसीआई ने यूपीआई ऐप्स को किसी भी ऐसी सुविधा को अक्षम करने का निर्देश दिया है जो उपयोगकर्ताओं को ऐप इंटरफेस में लेनदेन के उद्देश्यों के लिए अपना लाभार्थी नाम बदलने की अनुमति देती है. यह स्पष्ट किया गया है कि इसे यूपीआई पारिस्थितिकी तंत्र के सभी हितधारकों द्वारा 30 जून तक लागू किया जाना चाहिए.