अजय दीक्षित
जब से डॉनल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति बने हैं तब से लगातार कभी टैरिफ बार को लेकर,तो कभी यूक्रेन रूस युद्ध को लेकर,अब ताज़ा हालत लॉस एंजिल्स और फ्लोरिडा में सेना तैनात कर, विवादों में फंस रहे हैं। इससे पूरे संसार के सामने अमेरिका की किरकिरी हो रही है।वे इतने अस्थिर दिमाग के है कि उनके समर्थक देशों में ट्रंप की कार्यप्रणाली को लेकर चिंता है। नाटो देश भी सकते में हैं। यूरोपीय देशों में व्यापार और सुरक्षा को भ्रम बना हुआ है। नवंबर 2024 के चुनाव से पहले उनके सेकंड मेन इलेन मस्क ने भी उनसे पिंड छुड़ा लिया है। ट्रंप के फैसले ऐसे है कि व्हाइट हाउस में यूएस फाइनेंस सेकेट्री स्टीव बेसेंट और एलन मस्क में मारपीट हो गई है। यदिप डॉनल्ड ट्रंप का 2016 से 2020 तक का पहला कार्य काल इतना खौफनाक नहीं था।2024 में चुनाव से पहले ट्रंप ने कहा था कि अगर वे पुन: सत्ता में आते हैं तो रूस यूक्रेन युद्ध समाप्त होगा और इसराइल हमास युद्ध भी बंद होगा।
लेकिन जनवरी 2025 में कार्यभार संभालने के बाद अमेरिका को उन्होंने व्यापारी बना दिया और चाइना,भारत,पर अनाप शनाप टैक्स आयात पर लगा दिए और उस टैक्स टैरिफ को जुआ खेलने की तरह बढ़ाने लगे फिर समझौता कर लिया। यूक्रेन रूस युद्ध में बातचीत की परन्तु न तो जलेशकी ने मानी न पुतिन ने अंत में यह कहकर पीछे छोड़ दिया कि पुतिन क्रेजी हैं। जलेशकी को व्हाइट हाउस में बुलाकर अमर्यादित भाषा बोली और बिना खाना खिलाए चलता कर दिया।
यूक्रेन की मदद के अबज में खनिज संपदा दोहन का अधिकार हासिल किया। यूक्रेन रूस युद्ध से हाथ खींचने से यूरोपीय देश जर्मनी फ्रांस इटली हंगरी पोलैंड चेकोस्लोवाकिया ब्रिटेन नाराज हो गए और उन्होंने यूक्रेन को युद्ध में हथियार देना जारी रखा है।यहां तक कि नाटो देश का संगठन भी अपने अस्तित्व को समझने में लगा है।
अमेरिका अप्रवासियों का देश है यहां पर करोड़ लोगों का काम की आवश्यकता के लिए आते हैं। लॉस एंजिल्स संकट भी इसी से जुड़ा है। अप्रवासियों के लिए नए नए नियम बनाए जा रहे हैं जबकि कई लाख अप्रवासियों की तीसरी पीढ़ी कार्य कर रही है। हार कर इन लागों ने फेडरल सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है तो ट्रंप ने सेना तैनात कर दी है। अमेरिका विश्व की 31 त्रियलन डॉलर की इकोनॉमी है इसमें अप्रवासियों का बहुत योगदान है।
अमेरिका में बहुत बड़ा बाजार है और सबसे बड़ा खरीददार भी है जिसमें फार्मासेटिकल, ऑटोमोबाइल, पेट्रोलियम पदार्थों, कपड़ों,का बहुत से अन्य भी शामिल हैं। अमेरिका पूरे यूरोपीय देशों को गोला बारूद, स्नाइपर्स, लड़ाकू विमानों, यात्री विमान, हेलिकाप्टर, रेल सड़क परिवहन निर्माण कार्यक्रम भी करता है।
यूएस प्रेसिडेंट की पूर्व में एक गरिमा थी उससे ऊलजुलूल व्यानबाजी की उम्मीद नहीं करते थे लेकिन डॉनल्ड ट्रंप
ऐसा ही कर रहे हैं और वे ग्यारह बार कह चुके भारत पाकिस्तान युद्ध में सीज फायर उन्होंने कराया है। कभी कभी ट्रंप उन घटनाओं को हल्के में लेते हैं और बयान जारी कर देते हैं जैसे कश्मीर का मामला ।भारत को कहना पड़ा कि सीज फायर में कश्मीर कोई बात नहीं हुई न होगी ।
लॉस एंजिल्स में फेडरल सरकार और कैलिफोर्निया की सरकार आमने सामने है।ट्रंप ने फेडरल गार्ड शहर में तैनात कर दिए हैं जबकि आंतरिक सुरक्षा की जिम्मेदारी कैलिफोर्निया राज्य की है। डॉनल्ड ट्रंप पर अश्वेतों को बाधित करने का आरोप भी है। डॉनल्ड ट्रंप अमेरिका में राष्ट्रवाद के द्योतक हैं।जबकि अमेरिका ने इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, साउथ अफ्रीका, न्यूजीलैंड, फ्रांस, जर्मनी, इटली, ब्राजील, भारत, पाकिस्तान, सऊदी अरब, कतर यमन दोहा कुवैत रूस इराक ईरान लीबिया सीरिया लेबनान के लाखों लोगों रहते हैं। कमला हैरिस, भी विदेश मूल की है। यूएस प्रेसिडेंट के रूप में अब्राहिम लिंकन, जॉर्ज वाशिंगटन, रोनाल्ड रेगन, बराक ओबामा, रूजवेल्ट, सरीखे लोग इस पद पर रहे हैं।
एक दो प्रेसिडेंट को छोड़कर सभी गवर्नर रहे । लेकिन डॉनल्ड ट्रंप एक बहुत बड़े बिल्डर हैं। वे इसी तरह अमेरिका को चलाना चाहते हैं।
उनके पूर्ववर्ती जोए बाइडन सहित अनेक यूएस प्रेसिडेंट
विश्व की घटनाओं पर बोलते नहीं थे बल्कि उनके प्रेस सलाहकार, फॉरेन सेक्रेटरी, डिफेंस सेक्रेटरी, स्पोक पर्सन ,या कोई पार्टी का सीनेटर बोलते थे। लेकिन ट्रंप बहुत हल्की बात करते हैं।
( लेख में व्यक्त लेखक के निजी विचार है )