अध्यक्ष विजया रहाटकर ने डायल-112 की सराहना की, डीजीपी ने महिला सम्मान की रक्षा का संकल्प दोहराया
देहरादून, 13 जून, 2025: राष्ट्रीय महिला आयोग की माननीय अध्यक्ष श्रीमती विजया रहाटकर ने आज देहरादून में उत्तराखंड पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ महिला सुरक्षा पर एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की। इस बैठक में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और समन्वित प्रयासों को मजबूत करने पर गहन चर्चा हुई। उन्होंने उत्तराखंड पुलिस द्वारा महिला सुरक्षा के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की और डायल-112 कंट्रोल रूम की त्वरित प्रतिक्रिया प्रणाली को एक सशक्त माध्यम बताया।
सरदार पटेल भवन स्थित सभागार में आयोजित इस महत्वपूर्ण बैठक में पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड श्री दीपम सेठ, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती कुसुम कण्डवाल, अपर पुलिस महानिदेशक प्रशासन श्री ए.पी. अंशुमान, समस्त पुलिस महानिरीक्षकगण और राष्ट्रीय महिला आयोग के अधिकारी उपस्थित रहे।

बैठक की शुरुआत में गुजरात के अहमदाबाद में हुए दुर्भाग्यपूर्ण विमान हादसे में जान गंवाने वालों को मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई।
महिला सुरक्षा के लिए नवाचार और प्रशिक्षण पर जोर
पुलिस अधीक्षक, पी/एम, एवं महिला सुरक्षा, श्रीमती ममता वोहरा ने एक विस्तृत प्रस्तुतीकरण के माध्यम से राज्य में महिला सुरक्षा को लेकर उठाए गए प्रमुख कदमों, नवाचारों, जागरूकता एवं प्रशिक्षण अभियानों, हेल्पलाइन सेवाओं, महिला प्रकोष्ठों की कार्यप्रणाली तथा पुलिस बल में महिलाओं की भागीदारी आदि की जानकारी दी।
श्रीमती विजया रहाटकर ने महिला संबंधी अपराधों की रोकथाम, त्वरित विवेचना, पीड़िता-केंद्रित दृष्टिकोण एवं संवेदनशील पुलिसिंग के लिए उत्तराखंड पुलिस के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने राज्य में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अधिक जन-जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
उन्होंने विशेष रूप से नए आपराधिक कानूनों, साइबर अपराध, मानव तस्करी तथा थानों में स्थापित महिला हेल्पडेस्क पर कार्यरत कार्मिकों के संवेदनशील व्यवहार हेतु समुचित प्रशिक्षण की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने यह भी कहा कि उत्तराखंड में महिला हेल्प डेस्क और महिला हेल्पलाइन कर्मियों को राष्ट्रीय महिला आयोग के साथ समन्वय से विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाएगा। आयोग द्वारा संचालित प्रशिक्षण कार्यक्रमों में उत्तराखंड पुलिस के अधिकारियों व कार्मिकों की सहभागिता सुनिश्चित करने की बात भी कही गई। उन्होंने सुझाव दिया कि पुलिस को समाज के साथ जुड़कर कार्य करना चाहिए और जनपदों में स्थापित महिला प्रकोष्ठों द्वारा काउंसलिंग के दौरान आयोग के पास उपलब्ध प्रशिक्षित काउंसलर्स की सहायता ली जा सकती है। इसके अतिरिक्त, पीड़ित महिला को मानसिक आघात व अवसाद से बाहर लाने हेतु मनोवैज्ञानिक सहायता भी प्रदान की जानी चाहिए।

डीजीपी का महिलाओं के प्रति समर्पण का आश्वासन
पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड श्री दीपम सेठ ने राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती विजया रहाटकर द्वारा दिए गए सुझावों एवं मार्गदर्शन के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उन्हें महिलाओं की सुरक्षा के प्रति उत्तराखंड पुलिस की प्रतिबद्धता के संबंध में आश्वस्त किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड पुलिस महिला सम्मान की रक्षा में सदैव प्रतिबद्ध है।
डीजीपी ने यह भी बताया कि राज्य पुलिस, राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा संचालित प्रशिक्षण कार्यक्रमों में अपने अधिकारियों व कर्मचारियों की सहभागिता सुनिश्चित करेगी, जिससे महिला संबंधित मामलों में और अधिक दक्षता एवं संवेदनशीलता लाई जा सके। उन्होंने आश्वस्त किया कि प्रोटेक्शन ऑफिसर्स के साथ बेहतर समन्वय, महिलाओं की काउंसलिंग में काउंसलर्स व मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सहायता एवं आयोग के साथ सूचना और संवाद की समयबद्ध प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी ढंग से लागू किया जाएगा।
श्री सेठ ने दोहराया कि उत्तराखंड पुलिस समाज में महिलाओं की सुरक्षा व सम्मान के वातावरण को और सुदृढ़ करने हेतु सतत प्रयासरत है, और भविष्य में भी राष्ट्रीय महिला आयोग के साथ परस्पर समन्वय एवं सहयोग से इस दिशा में कार्य करती रहेगी।
डायल-112 कंट्रोल रूम का दौरा
बैठक के उपरांत, राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती विजया रहाटकर ने पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड श्री दीपम सेठ के साथ डायल-112 (इमरजेंसी रिस्पॉन्स सपोर्ट सिस्टम) कंट्रोल रूम का भ्रमण किया। भ्रमण के दौरान, श्रीमती रहाटकर ने इस प्रणाली को महिला-सुरक्षा और आमजन के त्वरित सहयोग हेतु एक सशक्त माध्यम बताया और भविष्य में इसकी सेवाओं को और अधिक सुदृढ़ किए जाने की आवश्यकता पर बल दिया।
